उत्तराखंड में बारिश बनी आफत, राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 103 टीमें गठित
प्रदेश में बारिश आफत बनकर बरस रही है। लगातार बारिश और भूस्खलन से राज्यभर में 161 मार्ग बंद हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में बारिश आफत बनकर बरस रही है। लगातार बारिश और भूस्खलन से राज्यभर में 161 मार्ग बंद हैं। बंद मार्गों में नौ राज्य मार्ग भी शामिल हैं। प्रांतीय खंड उत्तरकाशी में कमद अयारखाल मोटर मार्ग बंद हो गया है। प्रांतीय खंड पिथौरागढ़ में सातसिलिग थल मोटर मार्ग, निर्माण खंड दुगड्डा में स्व.जगमोहन सिंह नेगी मोटर मार्ग, निर्माण खंड ऊखीमठ में मक्कू-पलद्वाड़ी-परकंडी-भीरी मार्ग भी अवरुद्ध है।
इसके अलावा प्रांतीय खंड गोपेश्वर में बिरही-गौणा मोटर मार्ग एवं रुद्रप्रयाग-पोखरी गोपेरश्वर मोटर मार्ग में यातायात ठप है। लोक निर्माण विभाग की मशीनरी बंद मार्गों को खोलने में जुटी है। ग्रामीण क्षेत्रों के भी कई मार्ग मलबा आने से जगह-जगह बंद हो गए हैं। जिससे ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 103 टीमें गठित की गई हैं। आपदा की स्थिति में पशुपालन विभाग की ओर से विकासखंड, जिला, मंडल एवं राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं।
राज्य में 118 चारा बैंक स्थापित हैं, जिसमें पर्याप्त मात्रा में कॉम्पैक्ट फीड ब्लॉक उपलब्ध है। जबकि जल संस्थान विभाग की ओर से दैवी आपदा से संबंधित क्षति को ध्यान में रखते हुए भी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
विभिन्न शाखाओं में पेयजल उपलब्ध कराए जाने के लिए 71 विभागीय टैंकर उपलब्ध हैं। सिंचाई विभाग की ओर से हर जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं देहरादून में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना मानसून सत्र में की जा चुकी है। जनपद बागेश्वर एवं टिहरी में भारी बारिश की वजह से कुछ क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बाधित है। लोक निर्माण विभाग की ओर से 93 मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।