प्रशिक्षण न लेने वालों का रुकेगा प्रमोशन, आयोग के गठन की तैयारी
योजना को लागू करने का रोड मैप तैयार करने की जिम्मेदारी नैनीताल स्थित उत्तराखंड प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान को सौंपी गई है
बदलते परिवेश और तकनीकी सुधार के बीच प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए राज्य में कर्मचारी क्षमता विकास आयोग बनाने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के विजन के तहत मिशन कर्मयोगी योजना के तहत आयोग का गठन होगा।
योजना को लागू करने का रोड मैप तैयार करने की जिम्मेदारी नैनीताल स्थित उत्तराखंड प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान को सौंपी गई है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने इसकी पुष्टि की है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, क्षमता विकास आयोग के साथ सरकार सभी विभागों में क्षमता विकास समितियों का गठन करेगी। इन समितियों की कमान राज्य स्तर पर गठित आयोग के सदस्यों के हाथों में होगी।
विभाग तैयार करेंगे प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
आयोग के गठन और प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी नैनीताल स्थित प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान को दिया गया है। इसके अलावा प्रत्येक विभाग अपने कर्मचारियों और जरूरतों के हिसाब अपना पाठ्यक्रम तैयार करेगा। इसके लिए प्रत्येक विभाग में क्षमता विकास समितियां बनेंगी।
प्रशिक्षण नहीं लिया तो प्रमोशन रुकेगा
मिशन कर्मयोगी योजना के तहत समय-समय पर होने वाले प्रशिक्षण में यदि कर्मचारी शामिल नहीं होंगे तो उनके प्रमोशन रुक जाएंगे। योजना को कर्मचारियों की वार्षिक चरित्र पंजिका(एसीआर) से जोड़ा जाएगा।
पीएम मोदी ने दी थी योजना को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2020 को प्रशासनिक अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दी थी। योजना के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों का कौशल विकास किया जाएगा। यह कौशल विकास प्रशिक्षण व आनलाइन कंटेंट के जरिये होगा।
यह है योजना का लक्ष्य
मिशन कर्मयोगी योजना का लक्ष्य भविष्य के लिए लोकसेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी सक्षम बनाकर तैयार करना है।
राज्य सरकार ने मिशन कर्मयोगी योजना पर काम शुरू कर दिया है। नैनीताल एटीआई को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। योजना के तहत जल्द क्षमता विकास आयोग का गठन होगा। - शैलेश बगौली, सचिव (कार्मिक)