2022 पर चर्चा को राष्ट्रपति ने दी अनुशंसा, अनिवार्य मतदान विधेयक

Update: 2022-09-11 14:30 GMT
दिल्ली। देश में मतदान को अनिवार्य करने संबंधी झारखंड भाजपा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के निजी सदस्य विधेयक बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 117 के तहत विचार करने की अनुशंसा कर दी है। अब इस बिल पर आने वाले शीतकालीन सत्र में चर्चा हो सकती है।
बताते चलें कि सांसद दीपक प्रकाश ने 22 जुलाई 2022 को यह निजी विधेयक पेश किया। प्रकाश का कहना था कि बहुत से प्रयासों के बाद भी देश में 60 फीसदी से ज्यादा मतदान नहीं होता है जबकि दुनियाभर में ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, यूनान जैसे कई देश हैं जहां मतदाताओं के लिए मतदान करना अनिवार्य है। प्रकाश के इस बिल में वोट नहीं डालने पर सजा तो लगातार 15 साल तक सभी चुनावों में वोट डालने पर वोटर को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में वरीयता दी जाने की बात कही है।
इससे पहले 12 जुलाई 2019 को भाजपा के ही सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने भी अनिवार्य मतदान विधेयक-2019 बिल पेश किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने ये निजी बिल वापस ले लिया था। इस तरह का सबसे पहला बिल 1998 में कांग्रेस सांसद टी. सुब्बारामी रेड्डी ने पेश किया था।

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