उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी, जानें क्या है पूरा प्लान
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भी बिजली और सीएनजी से चलने गाड़ियों की राह भी आसान होने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भी बिजली और सीएनजी से चलने गाड़ियों की राह भी आसान होने जा रही है। सरकार पर्वतीय इलाकों में सभी जिला मुख्यालयों में एक सीएनजी पंप ओर एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी में है। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से सहायता ली जाएगी। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने इसकी पुष्टि की।
इसके साथ ही सरकार रोडवेज का बस बेडा बढ़ाने की तैयारी भी कर रही है। चुनाव के वक्त किए गए वायदे के अनुसार रोडवेज के बस बेडे को पांच हजार बस तक ले जाना है। प्रथम चरण में 1500 से दो हजार तक बसें बढ़ाई जा सकतीं हैं। परिवहन मंत्री ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को सीएनजी और चार्जिंग स्टेशन का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रथम चरण में हर जिला मुख्यालय में एक पंप व स्टेशन बनाने की योजना है। बाद में मांग बढ़ने पर इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा। केंद्र रामदास ने बताया कि सरकार की योजना रोडवेज का बस बेड़ा बढ़ाने की है। प्रथम चरण में 1500 से 2000 तक बसों को लिया जा सकता है। मालूम हो कि इन बसों की खरीद से उत्तराखंड का बस बेड़ा पडोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से बड़ा हो जाएगा। इस वक्त हिमाचल के बेडे में 3100 के करीब बसें हैं।
सीएनजी वाहन: सीएनजी डीजल और पेट्रोल का सबसे सस्ता विकल्प है। ऑटोमोबाइल सेक्टर धीरे धीर सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनो की ओर मुड़ने भी लगा है। इस वक्त जहां डीजल और पेट्रोल का मूल्य प्रति लीटर 100 रुपये के करीब पहुंच चुका है। वहीं सीएनजी इस वक्त 77 रुपये किलो की दर से उपलब्ध है। प्राकृतिक गैस होने के कारण इससे विषाक्त पदार्थों के उत्सर्जन भी नहीं होता।
सीएनजी पर्यावरण के अनुकूल है। रोडवेज की अधिक से अधिक बसों को सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा। चुनाव के वक्त भाजपा ने वादा किया था कि रोडवेज की बस बेड़े को पांच हजार तक ले जाया जाएगा। इसे भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।