आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव, मसूरी में लगी फोटो प्रदर्शनी

Update: 2022-08-10 05:21 GMT
मसूरी: आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत मसूरी घंटाघर स्थित भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की दुर्लभ फोटो प्रदर्शनी (Mussoorie Photo Exhibition) लगाई गई है. प्रदर्शनी का उद्घाटन लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (Lal Bahadur Shastri National Academy Mussoorie) के निदेशक आईएएस श्रीनिवास आर कटिकितला और उनकी पत्नी बिंदु कटिकितला ने दीप प्रज्वलित कर किया. यह प्रदर्शनी 19 सितंबर तक चलेगी. इस मौके पर श्रीनिवास आर कटिकितला ने 75 साल पुराने आजादी से जुड़े पेंटिंग को इकट्ठा कर प्रदर्शनी लगाने को लेकर सुरभि अग्रवाल और उनके परिवार को शुभकामनाएं दी.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में दुर्लभ पेंटिंग हैं, जिनको आज प्रदर्शनी के माध्यम से देखने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि हमारे देश के आजादी के आंदोलन में सबसे ज्यादा भूमिका कमर्शियल आर्ट की रही. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में प्रदर्शित पेंटिंग के माध्यम से संदेश देना चाहते हैं कि 75 साल पहले आजादी की लड़ाई के दौरान भारत माता के स्वरूप के साथ आजादी की लड़ाई लड़ने में स्वतंत्रता सेनानी और नेता का अहम योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानी और आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों के सपनों को साकार करने के लिए काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर घर तिरंगा (Har Ghar Tirangh) अभियान के तहत लोगों में देश के प्रति सम्मान और सेवा भाव की भावना जगा रहे हैं. आजादी अमृत महोत्सव जो अगले 25 सालों तक चलता रहेगा. जब भारत 2047 में 100 वर्ष पूरे करेगा जो भारत पूरी दुनिया में सबसे ऊंचे स्थान होगा. प्रदर्शनी की संयोजक सुरभि अग्रवाल ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कला प्रदर्शनी स्वतंत्र का आयोजन किया गया है.
यह स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय कला द्वारा निभाई गई भूमिका को प्रदर्शित करता है. इसमें 1947 से पहले और देश के विभिन्न क्षेत्रों की कलाकृतियां हैं. कलाकृतियों को कई निजी संग्राहकों से एकत्र किया गया है. सुरभि अग्रवाल ने कहा कि आजादी के समय की दुर्लभ कला प्रदर्शनी में देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि लोगों को बताया जा सकें कि देश की आजादी के आंदोलन में कला एक बहुत बड़ा माध्यम थी. क्यों कि उस समय प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया या अन्य माध्यम नहीं थे, कला के माध्यम से ही लोगों को आजादी के लिए प्रेरित किया गया. वहीं भारत माता की कल्पना भी कला के माध्यम से की गई और उनको एक रूप दिया गया जो आज भी उनके पास पेंटिंग के रूप में मौजूद है. वहीं राष्ट्रपिता गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू की तस्वीरें जो हर घर तक पहुंची वह भी कला के माध्यम से पहुंची है. उन्होंने लोगों को प्रदर्शनी में युवा पीढ़ी को भी साथ लाने की अपील की है, जिससे वो अपनी धरोहर को देख सकें.
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