उत्तराखंड वालों को बालाजी मंदिर में दर्शन करने में मिलेगी प्राथमिकता, सतपाल महाराज ने कहा- एलीट पर्यटन को बढ़ावा देना जरूरी

आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ऐसा एमओयू करने जा रहे हैं, जिससे राज्य के तीर्थयात्रियों को बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन में भी प्राथमिकता मिलेगी।

Update: 2022-08-14 04:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ऐसा एमओयू करने जा रहे हैं, जिससे राज्य के तीर्थयात्रियों को बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन में भी प्राथमिकता मिलेगी। जबकि, बालाजी के दर्शन के बाद उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं को राज्य के तीर्थ धामों में। इसके साथ ही देश के 12 ज्योतिर्लिंगों का भी एक विशेष तीर्थ सर्किट बनाने की तैयारी की जा रही है। इससे श्रद्धालु एक टूर पैकेज के तहत क्रमवार सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे।

सतपाल महाराज ने कहा- एलीट पर्यटन को बढ़ावा देना जरूरी
शनिवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विकास परिषद में मीडिया से बातचीत में कहा कि सीमांत गांवों में एलीट पर्यटन को बढ़ाया जाएगा। महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में सीमांत गांव पलायन की वजह से खाली होते जा रहे हैं। लेकिन, यह सभी क्षेत्र अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से धनी हैं। पर्यटकों की एक विशेष श्रेणी, जिसके पास धन तो अथाह है, लेकिन समय का अभाव है, उनके लिए इन क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा।
गांवों को बनाया जाएगा हाईटेक
इन गांवों में पर्यावरण के अनुकूल मानकों का ध्यान रखते हुए आवाजाही का नेटवर्क, संचार नेटवर्क भी विकसित किया जाएगा। कुछ क्षेत्रों को चिह्नित भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने इस बाबत रुचि जाहिर की है। बालाजी धाम को लेकर जल्द ही एमओयू हो भी जाएगा। महाराज ने आगे कहा कि ज्योर्तिलिंग देश के विभिन्न स्थानों पर स्थापित हैं। इस सर्किट के बनने से उत्तराखंड को भी काफी लाभ मिलेगा।
पुराने पुलों पर बनेंगे कैफेटेरिया
महाराज ने बताया कि उत्तरकाशी दौरे में उन्होंने देखा कि मुख्य मार्गों पर नए पुल और सड़क बनने से पुराने पुल अनुपयोगी हो चुके हैं। ऐसे पुराने पुलों पर छोटे-छोटे कैफेटेरिया, रेस्तरां विकसित किए जाएंगे। इसके लिए अफसरों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी तैयारी की जा रही है।
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