लोग बरत रहे लापरवाही, बाजारों में नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, बगैर मास्क पहुंच रहे, कोरोना का हॉट स्पॉट बना देहरादून

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और आम लोग पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं।

Update: 2022-07-25 04:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और आम लोग पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं। बाजारों में न कहीं सोशल डिस्टेंसिंग है और न कोई मास्क पहन रहा है। कोरोना सैंपलों की जांच के साथ ही संक्रमितों की ट्रेकिंग भी बहुत कम हो रही है। राज्य में संक्रमण की दर अभी 15 प्रतिशत के करीब चल रही है। ्र

देहरादून: राजधानी फिर बनी हॉट स्पॉट
देहरादून फिर कोरोना संक्रमण का हॉट स्पॉट बन रहा है। पिछले एक महीने से राजधानी में संक्रमितों की संख्या में इजाफे का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। राजधानी में पिछले कई दिनों से हर दिन सौ से अधिक मरीज मिल रहे हैं और जिले में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 700 के करीब पहुंच गया है। देहरादून में जांच बहुत कम हो रही है और एक सप्ताह में जांच का औसम 600 सैम्पल बना हुआ है। राजधानी में जांच की सुविधा है लेकिन टेस्टिंग बहुत कम हो रही। जिले में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के मानकों का पालन नहीं हो रहा है।
नैनीताल: तेजी से बढ़ रहा संक्रमण
नैनीताल जिले में भी कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसके बावजूद नैनीताल और हल्द्वानी जैसे शहरों में जिले में सोशल डिस्टेंसिग के नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा है। मास्क पहनना लोगों ने अमूमन छोड़ दिया है। यहां जिला अस्पताल में एक सप्ताह में 120 सैम्पल की जांच हुई। हल्द्वानी में एक सप्ताह में 1301 सैम्पल की जांच हुई है। सैंपल जांच के लिए हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में भेजे जा रहे हैं, जहां से दूसरे या तीसरे दिन जांच रिपोर्ट मिल पा रही है।
हरिद्वार:10 दिन में बुखार के 18 हजार मरीज
हरिद्वार में उमड़े लाखों कांवड़ियों के बाद भी कोरोना के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। प्रतिदिन चार से पांच हजार कांवड़ियों को बुखार की शिकायतें आ रही है। अधिकांश कांवड़ियों के मास्क नहीं पहने हैं। हरिद्वार जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक चंदन मिश्रा ने बताया कि प्रतिदिन औसतन बुखार के 1800 मरीज आ रहे है। कुछ मरीज बुखार की दवाई लेकर लौट गए। मेले के 10 दिनों में अब तक 30 हजार मरीज अस्थाई शिविर में आ चुके हैनमें 18 हजार बुखार के मरीज थे। 53 कांवड़िए अभी अस्पताल में भर्ती है।
चंपावत: एक सप्ताह में 70 की जांच
चम्पावत में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना मानकों का पालन तो नहीं ही हो रहा है बल्कि कोविड जांच भी नहीं के बराबर हो रही है। सीएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बीते एक सप्ताह में जिले में करीब 70 लोगों की जांच हुई है। जिले में एंटीजन के अलावा ट्रूनेट जांच की जा रही है। आरटीपीसीआर जांच चम्पावत जिले में भी फिलहाल नहीं हो रही है।
पिथौरागढ़: आरटीपीसीआर जांच से इंकार
पिथौरागढ़ में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोविड मानकों का पालन नहीं हो रहा है। जिले में कोविड जांच के लिए ट्रूनेट मशीन का उपयोग किया जा रहा है। पिथौरागढ़ जिले में एक सप्ताह में 322 सैंपलों की जांच हुई। पहले जिले के आरटीपीसीआर जांच के सैंपल जांच के लिए हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज भेजे जा रहे थे।
बरसात के समय में कोरोना संक्रमण बढ़ने की पहले से ही आशंका थी और उसी के अनुसार काफी लोगों में संक्रमण देखने को मिल रहा है। ऐसे में भीड़भाड़ से बचने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क आदि के नियमों का पालन जरूरी हो गया है।
डॉ डीएस रावत, पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी डीएम और सीएमओ को जांच और सर्विलांस बढ़ाने को कहा गया है। जिन क्षेत्रों में अधिक मरीज मिल रहे हैं ऐसे स्थानों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। आम लोगों से भी अपील है कि बुखार या कोई अन्य लक्षण दिखने पर जांच कराएं और आईसोलेशन के नियमों का पालन करें।
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