उत्तराखंड आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ी, शासन ने जारी किया आदेश

राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी कर नए साल का तोहफा दिया।

Update: 2021-12-17 18:23 GMT

उत्तराखंड : प्रदेश सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी कर नए साल का तोहफा दिया है। आंदोलनकारियों की पेंशन 1000 से 1400 रुपये तक बढ़ाई गई है। इससे सात हजार से अधिक राज्य आंदोलनकारियों को लाभ मिलेगा। सरकार की घोषणा के बाद शासन ने पेंशन बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया है।

पेंशन में 1400 रुपये की बढ़ोतरी
शुक्रवार को अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने इस संबंध आदेश जारी किए। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए या आंदोलन के दौरान घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन पांच हजार से बढ़ाकर छह हजार रुपये प्रति माह की गई है। इसके अलावा अन्य आंदोलनकारियों की पेंशन में 1400 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
उन्हें अब 3100 की जगह 4500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। आदेश वित्त विभाग की सहमति पर जारी किया गया है। राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। बता दें कि राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने की घोषणा की थी।
इतने आंदोलनकारियों को मिलेगा लाभ
राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। जो सरकार से पांच हजार रुपये हर महीने पेंशन पा रहे हैं, इन्हें अब छह हजार रुपये मिलेंगे। इनके अलावा 3100 रुपये पेंशन पा रहे राज्य आंदोलनकारियों की संख्या 6821 है, इन्हें अब 4500 रुपये पेंशन मिलेगी।
'प्रदेश सरकार कर रही है राज्य आंदोलनकारियों का अपमान'
वहीं उत्तराखंड चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने प्रदेश सरकार पर आंदोलनकारियों की उपेक्षा और अपमान का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों को सरकार पेंशन के नाम पर परेशान कर रही है।
शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि देश में करोड़ों के घोटाले हो रहे हैं, लेकिन राज्य आंदोलनकारियों को जो पेंशन दी जा रही है। उसका हिसाब मांगा जा रहा है। विरोध स्वरूप पूरे प्रदेश में 21 दिसंबर को सरकार की ओर से मांगे जा रहे उपयोगिता प्रमाणपत्रों की प्रति जलाई जाएगी।
23 अप्रैल को पेशावर कांड दिवस पर प्रदेशभर के राज्य आंदोलनकारी श्रीनगर में एकत्रित होकर पेशावर कांड के महानायक वीरचंद्र सिंह गढ़वाली सहित शहीदों को याद करेंगे। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार से आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने की मांग की थी।
पत्रकार वार्ता में प्रगतिशील जन मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी, डा. देवेंद्र फरस्वाण, राष्ट्रीय सचिव व कुमाऊं मंडल प्रभारी नरेंद्र सिंह सौटियाल, दीपक भंडारी, उम्मेद सिंह मेहरा, यशपाल सिंह, मुकेश अग्रवाल, हीरा लाल जैन, नंद लाल, लक्ष्मी देवी, हेमवंती नेगी, बुद्धि रांगड़, सीता पंवार, गायत्री थपलियाल आदि मौजूद थे।
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