न्यूज़ हल्द्वानी: स्वामी राम कैंसर अस्पताल में मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां उपलब्ध ना होने का मामला सामने आया है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में स्टॉक होने के बावजूद मरीज बाहर से महंगे दामों में दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि चिकित्सक कैंसर के मरीजों को जिन ब्रांडेड कंपनियों की दवाइयां लिख रहे हैं, वह कुछ चुनिंदा स्टोरों पर ही मिलती हैं। बाहर से दवाइयां खरीदने के चल रहे इस खेल में मरीजों की जेब अच्छी खासी खाली हो रही है।
गौरतलब है कि कैंसर पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ नि:शुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राजकीय मेडिकल कालेज प्रशासन ने करीब 30 से अधिक कंपनियों से टेंडर कराया गया था। जिसमें 30 कंपनियों का टेंडर ही फाइनल हुआ। सभी कंपनियों से दवाइयां प्राप्त करने के बाद कालेज प्रशासन ने कैंसर अस्पताल को दवाइयां का स्टॉक सौंप दिया। साथ ही चिकित्सकों को अस्पताल में आने वाले आयुष्मान व बीपीएल मरीजों के साथ-साथ सभी मरीजों को नि:शुल्क दवाइंया उपलब्ध कराने निर्देश भी जारी किए, लेकिन कालेज प्रशासन के आदेश का कैंसर अस्पताल पर कोई असर नहीं हुआ। जिस कारण मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बताया जाता है कि कैंसर अस्पताल में रोजाना 10 से 15 मरीजों को बाहर से ब्रांडेड कंपनियों की दवाइयां खरीदने के लिए कहा जाता है। इन दवाइंयों के लिए मरीज व उनके तीमारदारों को काफी इधर-उधर भटकना पड़ता है। कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोर पर ही यह ब्रांडेड कंपनी की दवाइयां उपलब्ध हैं। इसके लिए मरीजों को भारी दाम चुकाने पड़ते हैं।
ब्रांडेड कंपनियों की दवाइंयों में खेल: कैंसर अस्पताल में मरीजों को जिन ब्रांडेड कंपनियों की दवाइयां खरीदने के लिए कहा जाता है, उनकी बाहर कीमत 8 से 10 हजार रुपये तक है। जबकि यही ब्रांडेड कंपनी की दवाइयां कैंसर अस्पताल में 600 रुपये में उपलब्ध हैं, जिसे मेडिकल कालेज प्रशासन ने कैंसर मरीजों को नि:शुल्क देने के लिए क्रय किया है। वहीं कीमोथेरेपी के मरीजों को भी दवाइयां के लिए 15 से 20 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
रोजाना 50 से अधिक मरीजों की होती है ओपीडी:स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट में रोजाना 50 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है। वहीं 10 से अधिक मरीजों की कीमोथेरेपी की जाती है। अस्पताल में हल्द्वानी सहित पूरे उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश तक से कैंसर के गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं।
दवाइयां आयुष्मान व बीपीएल के मरीजों को नि:शुल्क मिलती हैं, लेकिन और मरीजों के लिए क्या होगा इसके लिए पॉलिसी बनेगी। इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। जल्द पॉलिसी बन जाएगी। – प्रो. केसी पांडे, विभागध्यक्ष, स्वामी राम कैंसर संस्थान
दवाइयां सभी मरीजों को दी जानी है, इसमें पॉलिसी की कोर्र जरूरत नहीं है। जैसे आयुष्मान व बीपीएल मरीजों को दवा दी जाती है, उसी तरह सभी मरीजों को दवा दी जायेगी। मामला मेरे संज्ञान में है, जल्द मरीजों को दवाइयां मिलनी शुरू हो जायेंगी। – प्रो. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कालेज, हल्द्वानी