बाजपुर: उत्तराखंड परिवहन विभाग ने बाजपुर बस अड्डे पर कर्मचारियों की रात्रि ड्यूटी लगाना बंद कर दिया है। वर्तमान में बस अड्डे की देख-रेख का जिम्मा पीआरडी जवानों के हवाले है।
गौरतलब है कि बाजपुर व आसपास के इलाके को बेहतर रोडवेज परिवहन की सेवा देने के उद्देश्य से बाजपुर में रोडवेज बस स्टेशन की स्थापना की गई थी। शुरुआत में करीब आधा दर्जन कर्मचारी तैनात थे, जो दिन-रात सेवाएं दे रहे थे। पूर्व में विभाग ने इन कर्मचारियों की संख्या घटाकर तीन कर दी थी। अब केवल एक ही कर्मचारी तैनात है वो भी दिन में ड्यूटी पर रहता है, जबकि रोडवेज बस स्टेशन दिन-रात खुला रहता है। यहां पर भारी संख्या में बसों का आवागमन रहता है। रात में कोई भी विभाग का कर्मचारी तैनात नहीं रहता है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है।
वर्तमान में सिर्फ पीआरडी का एक जवान ही रात में तैनात रहता है। उसी के हाथ में पूरे रोडवेज बस स्टेशन की कमान रहती है, जहां पहले बड़े-बड़े वादे किए गए थे कि हम बाजपुरवासियों के लिए बेहतर सेवाएं देंगे और रोडवेज का डिपो बाजपुर को बनाएंगे, लेकिन डिपो बनाना तो दूर रोडवेज बस स्टेशन ही सुचारु रूप से नहीं चल रहा है। विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों का जहां अकाल है वहीं, लंबे रूट की बसें बाजपुर से बाहर ही आती-जाती हैं। रोडवेज बस स्टेशन पर फैल रहीं इस अव्यवस्थाओं से यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
काशीपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, रामनगर,रुद्रपुर के लिए नहीं सीधी सेवा
रोडवेज बस स्टेशन का लोकार्पण 18 दिसंबर 2020 को पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने किया था। करीब पौने तीन करोड़ रुपये से बने इस रोडवेज बस स्टेशन का दिन प्रतिदिन वजूद ही खत्म होता जा रहा है, क्योंकि न तो यहां से रामपुर के लिए कोई बस सेवा है न ही कोई मुरादाबाद के लिए। और तो और नजदीक के शहर काशीपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, रामनगर,रुद्रपुर व बरेली तक के लिए भी कोई बाजपुर से सीधी बस सेवा नहीं है। पहले की अपेक्षा बसों की संख्या भी काफी कम हो गई है जिससे यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है और मजबूरी में यात्रियों को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ रहा है।
मैं पिछले करीब छह माह से अवकाश पर चल रहा था। आज ही फिर से ड्यूटी ज्वाइन की है। अभी मामले की जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर व्यवस्था में सुधार किया जाएगा-कैलाश पांडेय-एआरएम काशीपुर।