बढ़ने लगा ठंड का प्रकोप, उत्तराखण्ड में बने बारिश और बर्फबारी के आसार
उत्तराखण्ड न्यूज
उत्तराखण्ड में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादलों के बीच कंपकंपी बढ़ गई है। मैदानी इलाकों में घना कोहरा दुश्वारियां बढ़ा रहा है, जबकि पहाड़ में सर्द हवाएं चलने से घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा। कहीं-कहीं आंशिक बाद छाए रह सकते हैं। चोटियों पर हिमपात के आसार बन रहे हैं। लंबे समय से वर्षा और बर्फबारी का इंतजार कर रहे उत्तराखण्ड में मौसम करवट बदलने लगा है। अगले कुछ दिनों में चोटियों पर हिमपात और बूंदाबांदी के आसार हैं।
कई हिस्सों में तड़के घना कोहरा छाने से दृश्यता बेहद कम
मंगलवार को दून समेत आसापास के क्षेत्रों में आंशिक बादल छाए रहे, जिससे ठिठुरन बढ़ गई। रुड़की और ऊधमसिंह नगर के कई हिस्सों में तड़के घना कोहरा छाने से दृश्यता बेहद कम रही।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क रह सकता है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय होने लगा है। इससे वर्षा-बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। कहीं-कहीं आंशिक से लेकर मध्यम बादल छाए रह सकते हैं। इससे तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है।
उच्च हिमालय में बड़ी नदियों को छोड़ सभी नाले और झरने जमे
चीन और नेपाल सीमा से लगे उच्च हिमालय में बड़ी नदियों को छोड़कर अन्य सभी नाले और झरने जम चुके हैं। पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालय में न्यूनतम तापमान माइनस नौ से माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। काली, गोरी, कुटी, धौली, मंदाकिनी, रामगंगा सभी नदियां हिमनदों से निकलती हैं। सभी विशाल नदियां हैं।
उच्च हिमालय में पानी जमने से सभी हिमालयी नदियों का जलस्तर अब अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है। मई में ग्लेशियर बन चुके नालों, झरनों के पिघलने पर इन नदियों का जलस्तर बढ़ने लगेगा। उच्च हिमालय में नदियों के उद्गम स्थल पर काफी नीचे तक ग्लेशियर बन चुके हैं।
धारचूला की व्यास घाटी में गुंजी का अधिकतम तापमान माइनस तीन और न्यूनतम तापमान माइनस नौ डिग्री सेल्सियस और कुटी का न्यूनतम तापमान माइनस 14 और अधिकतम तापमान माइनस चार है। वहीं, आदि कैलास का न्यूनतम तापमान माइनस 25 डिग्री तक पहुंचने लगा है और अधिकतम तापमान भी माइनस 17 डिग्री के आसपास है।
नावीढांग का न्यूनतम तापमान माइनस 17 और अधिकतम तापमान माइनस सात है। वहीं दारमा घाटी के केंद्र में स्थित दुग्तू और इससे आगे ढाकर, सीपू, तिदांग और दावे का पारा लगातार गिर रहा है। मुनस्यारी की जोहार घाटी के मिलम का न्यूनतम तापमान माइनस 10 और अधिकतम तापमान माइनस पांच डिग्री सेल्सियस है। जोहार घाटी में नाहर देवी से आगे के सभी झरने और नाले जम चुके हैं।