अग्निपथ योजना का विरोध: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निकाली पदयात्रा, मोदी सरकार पर बोला हमला

अग्निपथ योजना का विरोध

Update: 2022-07-15 12:26 GMT
अल्मोड़ा: अग्निपथ योजना के खिलाफ कांग्रेस लगातार हमलावर मोड में है. इसे लेकर लगातार प्रदर्शनों का दौर जारी है. इसी कड़ी में आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अग्निपथ योजना के विरोध में अल्मोड़ा में पदयात्रा निकाली. ये पदयात्रा स्वर्गीय जनरल बीसी जोशी शहीद पार्क से निकाली गई.
वहीं, पदयात्रा के बाद पंत पार्क में एक जन सभा का आयोजन किया गया. जहां हरीश रावत ने अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. हरीश रावत ने अग्निपथ योजना से सैनिक कहलाने का हक छीनने की बात कही. रावत ने कहा उत्तराखण्ड सैनिकों से भरा पड़ा है. यहां सैनिक, रिटायर्ड सैनिक कहलाकर भारत की सुरक्षा करने वाले वीर गौरवान्वित होते हैं. केन्द्र की मोदी सरकार ने देश की सीमाओं पर जान जोखिम में डालने वाले वीर जवानों से सैनिक कहलाने का हक छीन लिया है. अब भारत की रक्षा करने वाले सैनिक नहीं, अग्निवीर कहलाएंगे.
अग्निपथ योजना के विरोध में हरीश रावत ने निकाली पदयात्रा
क्या है अग्निपथ योजना: अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है. इसकी घोषणा 16 जून 2022 को की गई. इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को 'अग्निवीर' के नाम से जाना जाएगा.
अग्निपथ योजना के लिए योग्यता
अग्निपथ के लिए 17.5 साल से 23 साल के बीच के उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे, हालांकि असल में अग्निपथ स्कीम के तहत सेना का हिस्सा बनने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित तय आयु सिमा 17.5 साल से 21 वर्ष की है. कोरोना महामारी के कारण पिछले 2 सालों से रुकी हुई भर्ती के कारण अधिक से अधिक युवाओं को मौका देने के लिए के केवल पहले साल की भर्ती में उम्र सीमा में 2 साल की छूट दी गयी है.
आवेदन करने वाले युवा कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ 12वीं पास होने चाहिए.
भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी.
इसके बाद 3.5 साल तक सेना में सर्विस देनी होगी.
भर्ती के लिए अन्य क्राइटीरिया को जल्द ही सरकार द्वारा जारी कर दिया जाएगा.
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