जमीनों का सौदा करने वाले भूमाफिया के खिलाफ नहीं हो रही कोई कार्रवाई, ऐसी मेहरबानी क्यों?
देहरादून में सरकारी भूमि कब्जाकर अवैध निर्माण के खिलाफ तो कार्रवाई की गई, लेकिन स्टाम्प पेपर पर जमीनों का सौदा करने वाले भूमाफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यही वजह है कि शहरभर में नगर निगम समेत विभिन्न सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे नहीं थम रहे हैं।
भूमाफिया सरकारी जमीनों का सौदा करके लाखों कमाकर भी बच जा रहे हैं, जबकि इनके चंगुल में फंसकर अपनी जमा-पूंजी गंवाने वाले गरीब प्रवासी लोगों पर गाज गिर रही है। हाल ही में सहस्रधारा रोड, डांडा लखौंड, धर्मपुर डांडा, जाखन, आमवाला तरला, नवादा, चंद्रबनी में ऐसा ही हुआ। एमडीडीए और नगर निगम अपनी जमीनों पर कब्जा होने के वक्त आंख मूंदे रहे। जब जमीन बिक गई तब कार्रवाई शुरू हुई।
केस 1: धर्मपुर डांडा में भूमाफिया ने नगर निगम की करीब साढ़े तीन बीघा जमीन कब्जाकर प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-फेरीवालों को बेच दी। जमीन खरीदने वालों ने यहां 10 पक्के और दो कच्चे मकान बना दिए। अप्रैल में नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी। जमीन बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज किया गया, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
केस 2: आमवाला तरला में नगर निगम की जमीन पर कुछ लोगों ने 10 मकान बना दिए। नगर निगम ने यहां कार्रवाई करते हुए तीन मकानों को ध्वस्त किया। बाकी अवैध निर्माण को भी ध्वस्त किया जाना है। जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा करवाया, उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम ने मुकदमा तक दर्ज नहीं किया। ऐसे में नगर निगम की कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
भूमि अनुभाग से कहा गया है कि सरकारी भूमि कब्जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कर एवं राजस्व अधीक्षक-भूमि को निर्देश दिए जाएंगे कि वे नगर निगम की ओर से दर्ज करवाए गए मुकदमों को लेकर अपडेट भी लेते रहें।
मनुज गोयल, नगर आयुक्त, देहरादून नगर निगम