हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबन्धित करने और प्लास्टिक वेस्ट मैंनेजमेंट रूल के अन्तर्गत डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम लागू करने के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में डिपोजिट रिफण्ड सिस्टम (डीआरएस) के अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से डीआरएस के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि प्लास्टिक वेस्ट मैंनेजमेंट रूल के अन्तर्गत इस प्रणाली को पूरे हरिद्वार में लागू किया जाएगा।
डिजिटल डीआरएस योजना चिप्स पैकेट, कोल्ड ड्रिंक, पानी की बोतलों, शैंपू व अन्य उत्पादों के पाउच, बोतलों, एल्यूमीनियम और ग्लास पैकेजिंग आदि पर लागू किया जायेगा। इसके तहत पानी की बोतल और अन्य उत्पादों के वितरकों के बीच क्यूआर कोड वितरित किए जाएंगे। इन क्यूआर कोड को डीआरएस योजना के तहत विभिन्न उत्पादों की पैकेजिंग पर चिपकाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि खरीददारी करते समय ग्राहक को शत-प्रतिशत रिफंडेबल ग्रीन डिपॉजिट का भुगतान करना होगा जो कि खाली पैकेजिंग सामग्री लौटाते समय क्यूआर कोड को स्कैन करने पर वापस मिल जाएगा। इस तरह पैकेजिंग सामग्री को बिना प्रदूषित करते हुए वापस रिसाइकिल करना सम्भव हो पाएगा और कचरे की जिम्मेदारी से निपटान सुनिश्चित हो सकेगा। बैठक में जिलाधिकारी ने डीआरएस को जिले में लागू करने के लिए एडीएम (प्रशासन) पीएल शाह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।