देवभूमि उत्तराखंड में भी फैला लम्पी स्किन डिजीज, ली 68 पशुओं की जान

Update: 2022-08-25 14:04 GMT

देहरादून न्यूज़: राज्य के हरिद्वार, देहरादून व पौड़ी जनपदों के गोवंशीय व महिषवंशीय पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) संक्रमण फैल रहा है। राज्य में लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम हेतु विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत संक्रमित क्षेत्र के चारों तरफ रिंग वैक्सीनेशन तथा अन्य राज्यों की सीमा से लगे हुए गांवों में टीकाकरण अभियान चलाये जाने हेतु अभी तक एक लाख से अधिक वैक्सीन जनपद ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी व टिहरी को उपलब्ध करायी जा चुकी है तथा अतिरिक्त वैक्सीन की व्यवस्था की जा रही है। पशुपालन विभाग के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्रों में रोग के बचाव हेतु तलहटी के गांवों में भी टीकाकरण किया जा रहा है। 23 अगस्त तक 3822 पशुओं का इलाज किया जा चुका है, जिसमें 823 पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गये हैं तथा 68 पशुओं की मृत्यु हुई है। रोग की रोकथाम हेतु सभी जनपदों में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है, जिसके अन्तर्गत संक्रमित पशुओं से स्वस्थ पशुओं को पृथक किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। रोग के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के बाहर से पशुओं का आयात/परिवहन न किया जाय, साथ ही राज्य के अंदर पशुओं की आवाजाही हेतु क्षेत्रीय पशुचिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत रोग से मुक्त स्वस्थता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता आवश्यक की गई है। 

पशुपालकों से यह की गई अपील: पशुपालन विभाग के अनुसार, स्वस्थ पशुओं को संक्रमण से बचाने हेतु पशु को स्वस्थ रखा जाना आवश्यक है तथा पशुओं के ऊर्जा स्तर को बनाये रखने के लिए मिनरल मिक्चर आदि का प्रयोग किया जाय। पशुओं के आस-पास साफ-सफाई रखी जानी आवश्यक है तथा स्थानीय निकाय के माध्यम से फोमिंग द्वारा मच्छर, मक्खी व जूं से बचाव किये जाने के उपाय करने आवश्यक है। मृत पशु को वैज्ञानिक रूप से गहरा दफन कर निस्तारित किया जाय जिससे रोग फैलने पर अंकुश लगाया जा सके। मृत पशु की खाद्य चारा व अन्य वस्तुएं पशु के साथ ही निस्तारित की जानी आवश्यक हैं। यदि किसी पशु को तीव्र ज्वर, त्वचा पर गांठें अथवा चेचक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल रोग की सूचना पशुपालन विभाग की किसी भी संस्था पर आवश्यक रूप से सूचित किया जाय ताकि रोग की रोकथाम हेतु समुचित उपाय किये जा सके।

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