ऋषिकेश न्यूज़: लगातार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ गया है और तटीय इलाकों में लगातार कटान हो रहा है. तीर्थनगरी ऋषिकेश में प्रसिद्ध राम झूला पुल के मुनिकीरेती (टिहरी) छोर पर गुरुवार सुबह करीब 30 मीटर लंबा एबटमेंट क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे पुल की ओर भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। यह देख पुलिस ने पुल पर आवाजाही बंद कर दी।
लोनिवि अधिकारियों के निरीक्षण के बाद पुलिस ने दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाते हुए सीमित संख्या में पैदल यात्रियों के लिए पुल खोल दिया। प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला पुल भी चार साल पहले अपनी मियाद पूरी होने पर बंद कर दिया गया है. अब राम झूला पर संकट के बाद मुनिकीरेती-स्वर्गाश्रम के बीच जानकी सेतु ही मजबूत विकल्प बचा है।
रामझूला पुल के नीचे पुश्ते का बड़ा हिस्सा बह गया।
सुबह पुलिस को सूचना मिली कि रामझूला पुल के नीचे मुनिकीरेती की ओर पुश्ते का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। इस पर मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला थाने की पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से पुल पर आवाजाही बंद कर दी। सूचना पर लोनिवि के अवर अभियंता मातवर सिंह रावत भी तकनीकी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पुल की दोनों तरफ से जांच की।
पुल को खतरा
जांच में पता चला कि भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने से झूला पुल के पिलर के पास की सुरक्षा दीवार का करीब 30 मीटर हिस्सा ढह गया है. तकनीकी टीम ने बताया कि फिलहाल यहां भूस्खलन से रामझूला पुल को कोई खतरा नहीं है। हालांकि कटान बढ़ने पर पुल को खतरा हो सकता है।
लोनिवि नरेंद्रनगर निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता आशुतोष ने बताया कि पुल निकासी से करीब पांच मीटर पहले भूस्खलन हुआ है। पुल का सपोर्टिंग तार और टावर पूरी तरह सुरक्षित है.