Ladakh : सैन्य अभियान के दौरान हो गए थे शहीद ,नौ महीने तक बर्फ में दबे रहे जवानों के शव

Update: 2024-07-12 08:42 GMT
Ladakh  लद्दाख  : कारगिल की माउंट कुन चोटी के पास हुए हिमस्खलन में शहीद हुए तीन सैन्य कर्मियों के शव लगभग नौ महीने के बाद बरामद कर लिए गए हैं। इस हादसे में बलिदान एक अन्य का शव पहले ही मिल चुका था।
दरअसल आठ अक्टूबर, 2023 को बारामूला जिले के गुलमर्ग स्थित सेना के हाई एल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल के 40 सैन्यकर्मियों की एक टीम माउंट कुन के नजदीक 18,300 फीट से अधिक की ऊंचाई पर चढ़ाई का प्रशिक्षण ले रही थी। इसी प्रशिक्षण के दौरान इसी दौरान भारी बर्फबारी हुई और हिमस्खलन हो गया। इसमें कई जवान फंस गए थे। इस हादसे में टीम के चार जवान एक दरार में लापता हो गए। उन्हे तलाश करने की कवायद शुरु हुई। बलिदान हुए लॉन्स नायक स्टैनजिन टार्गिस का पार्थिव शरीर उसी दिन बरामद कर लिया गया था, जबकि तीन सैन्यकर्मी हवलदार रोहित कुमार, हवलदार ठाकुर बहादुर आले व नायक गौतम राजवंशी बर्फ में दबने से लापता हो गए थे।
नौ महीने बाद नौ दिन की खुदाई के बाद मिले शव
जहां ये हादसा हुआ वहां अक्टूबर के बाद के सीजन में भारी बर्फबारी होती है। ऐसे में लापता सैन्य कर्मियों की तलाश को रोकना पड़ गया। अब जब कुछ बर्फ गली तो फिर से तलाश शुरु की गई। इस अभियान को हवलदार रोहित, हवलदार ठाकुर बहादुर और नायक गौतम के नाम पर ‘ऑपरेशन RTG’88 लोगों की टीम लगभग नौ दिनों तक बेहद कठिन हालात में रोजाना 12 घंटे तक काम करती रही। इसके बाद तीनों बलिदानियों के पार्थिव शरीर बर्फ की मोटी परतों के बीच दरार से बरामद कर लिए गए।
“वो भारी नहीं, मेरा भाई है”
सेवानिवृत ब्रिगेडियर हरदीप सिंह सोही ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जब 8 अक्टूबर, 2023 को चार सैनिक खो गए, तो छह दिनों की खुदाई के बाद एक शव बरामद हुआ था। इस बार टीम RECCO रडार का उपयोग करके चेनसॉ और GREF ग्रेड फावड़ों के साथ गई और 9 दिनों की खुदाई के बाद शेष तीन को सफलतापूर्वक बरामद कर लिया। शव बर्फ से ढकी 70 फीट ऊंची दरार के नीचे दबे हुए थे। इससे पहले उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘वह भारी नहीं है,वह मेरा भाई है’
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