महाविद्यालय द्वारा मनाया जा रहा है अंतरराष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा सप्ताह

Update: 2023-03-05 10:54 GMT

हल्द्वानी: दिनांक 1 मार्च 2023 से दिनांक 8 मार्च 2023 तक अंतरराष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी क्रम में आज दिनांक 4 मार्च को संगोष्ठी कक्ष में महाविद्यालय के महिला आंतरिक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ व कार्यक्षेत्र/ महाविद्यालय में यौन उत्पीड़न निवारण समिति के तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं व प्राध्यापक वर्ग द्वारा भागीदारी की गई। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ अमिता प्रकाश ,असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी ने कामकाजी महिलाओं की समस्याओं एवं समाधान विषय पर व्याख्यान दिया। आपके द्वारा महिला दिवस के ऐतिहासिकता पर विचार करते हुए, कामकाजी महिला के दोनों संगठित और असंगठित क्षेत्र की चर्चा की।

उनके अनुसार संगठित क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं का कार्य करना आसान है बनिस्बत असंगठित क्षेत्र के। क्योंकि महिलाओं को शारीरिक रूप से कोमल माना जाता है। पुरुष को सशक्त यह प्रकृति का नियम भी है। लेकिन मानसिक रूप से मजबूत होकर अपने विरुद्ध दुर्व्यवहार को भी रोक सकते हैं।

आर्थिक आजादी होने पर महिलाओं के अनेक समस्याओं का समाधान हो जाता है पर पितृसत्तात्मक समाज के कारण वह दोहरी चक्की में पिसती है। महिलाओं को जिम्मेदारी ढोने की भी आदत हो जाती है। यह भी बदलने की आवश्यकता है और उसके कमाए हुए पैसे पर उसका अधिकार नहीं होता यह भी एक समस्या है।

संयोजक डॉ दीपा गोबाड़ी द्वारा आंतरिक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के बारे में और वन स्टॉप सेंटर के बारे में बताया गया एवं शिकायत दर्ज करने हेतु कहा गया कि अपने विरुद्ध होने वाली हिंसा ,उत्पीड़न को अवश्य बताएं, शिकायत दर्ज करें। महाविद्यालय की छात्रा को परिचय पत्र दिखाना होगा व लिखित रूप में शिकायत दर्ज करनी होगी।

जंतु विज्ञान विभाग अध्यक्ष नैक प्रभारी डॉ. सी एस नेगी द्वारा अपने उद्बोधन में बताया कि महिलाओं के प्रति व्यवहार घर से ही निर्धारित होता है। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होने की आवश्यकता है तथा यौन उत्पीड़न क्या है इसको उन्होंने व्याख्या यित किया। छात्रा ममता कन्वाल ने महिलाओं की समस्या पर चर्चा करते हुए बताया कि उनके वातावरण, स्थिति का प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

साथ ही गौरा एप के बारे में भी बताया ।ध्यान योग व्यायाम की आवश्यकता महत्ता के बारे में बताया। छात्रा चंद्रकांता ने कहा कि महिलाओं के प्रति सोच शिष्टाचार सही होना चाहिए। छात्रा कंचन पचौरी ने कहा कि पुरुष स्त्री के मध्य आपसी सामंजस्य होना जरूरी है तथा विशाखा गाइडलाइन की चर्चा की।

संचालन डॉ.चंद्रावती जोशी द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन बीएड विभागाध्यक्ष डॉ अनिता जोशी ने किया। इस अवसर पर डॉ विमला सिंह, डॉ चंद्रा खत्री ,डॉ. जय श्री भंडारी डॉ. आशा हर्बोला, डॉ. रेनू रावत. डॉ.जेसी जोशी शोध छात्रा सुमित्रा तथा छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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