वायुसेना ने Kedarnath valley में आखिरी जीवित व्यक्ति को निकालने के बाद बचाव अभियान पूरा किया
Dehradunदेहरादून : भारतीय वायुसेना ने उत्तराखंड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से आखिरी बचे व्यक्ति को निकालने के बाद केदारनाथ घाटी में बचाव अभियान पूरा कर लिया है , वायुसेना ने रविवार को कहा। भारतीय वायुसेना-मीडिया समन्वय केंद्र की ओर से 'एक्स' पर पोस्ट के अनुसार गौरीकुंड से कुल 218 कर्मियों को बचाया गया , जहां बादल फटने से विनाशकारी भूस्खलन हुआ था, जिससे तीर्थयात्री फंस गए थे। पोस्ट में कहा गया है, "10 दिनों के अभियान में वायुसेना के एमआई-17 वी5 और चिनूक हेलीकॉप्टरों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए वृद्ध, घायल और बीमार लोगों को निकाला। 6 टन से अधिक राहत सामग्री हवाई मार्ग से पहुंचाई गई। एक चिनूक स्टैंडबाय पर है, जबकि एमआई-17 वी5 को हटा दिया गया है।" इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि केदारनाथ में स्वेच्छा से रुके स्थानीय दुकानदारों, साधु-संतों, घोड़ा-खच्चर चालकों आदि समेत 78 लोगों को रविवार को एमआई-17 के जरिए गुप्तकाशी पहुंचा दिया गया। इसके साथ ही वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को रवाना कर दिया गया है। अब वहां कोई तीर्थयात्री नहीं बचा है। जितने भी स्थानीय लोग नीचे आने वाले थे, उन्हें ला दिया गया है। विज्ञप्ति में बताया गया कि केदारनाथ धाम में पहुंचाई जाने वाली खाद्य सामग्री व अन्य आवश्यक वस्तुएं तथा रसद सामग्री एमआई-17 और राजकीय हेलीकॉप्टर के जरिए पहुंचा दी गई है। उधर, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर को कुछ भारी मशीनें केदारनाथ पहुंचाने के लिए रोका गया है । मौसम साफ होते ही चिनूक को भी रवाना कर दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि आपदा के तुरंत बाद उन्होंने यात्रियों को सुरक्षित बचाने के लिए भारत सरकार से वायुसेना की मदद मांगी थी और प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए तुरंत एमआई-17 तथा चिलीकॉप्टर उपलब्ध कराए थे। नूक हे
धामी ने कहा कि आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इतने चिंतित थे कि वह स्वयं इस रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री धामी ने 31 जुलाई को केदार घाटी में भारी बारिश के बाद विभिन्न स्थानों से यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए गए अभियान में सराहनीय योगदान के लिए राहत और बचाव कार्यों में लगी विभिन्न एजेंसियों का आभार जताया है। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 15 हजार से अधिक लोगों को बचाया गया। राहत और बचाव कार्यों में लगी विभिन्न एजेंसियों ने बड़ी रणनीति के साथ योजनाबद्ध तरीके से काम किया और यह ऑपरेशन एक सप्ताह से भी कम समय में पूरा किया जा सका।
राहत और बचाव कार्यों में लगी विभिन्न एजेंसियों को रविवार को जारी अपने संदेश में धामी ने सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि कठिन समय और विपरीत परिस्थितियों में भारतीय वायुसेना , एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, लोनिवि, सिंचाई आदि विभागों ने सराहनीय कार्य किया और हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गौरतलब है कि धामी ने पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की हर पल की खुद निगरानी की। एक अगस्त को मुख्यमंत्री ने एसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने भारत सरकार से रेस्क्यू के लिए वायुसेना की मदद का अनुरोध किया तो भारत सरकार ने तत्काल एक एमआई-17 और एक चिनूक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग के सचिव और आपदा प्रबंधन सचिव ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वहां कैंप किया। मुख्यमंत्री ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए । सरकार की प्राथमिकता है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हो जाएं। (एएनआई)