इस मामले में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति ने राज्य सरकार को भेजा सुझाव

संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति

Update: 2022-06-15 16:43 GMT
संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति ने राज्य सरकार से उत्तराखंड के चारधाम में यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से तीर्थाटन नीति तय करने की मांग की है।
समिति ने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन को अलग अलग दृष्टि से देखने की जरूरत है और उसी लिहाज से तीर्थाटन और पर्यटन के लिए स्पष्ट नीतियां तय की जानी चाहिए। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस वर्ष चार धाम यात्रा विगत वर्षों की तुलना में बेहद उत्साहजनक रही है।
इन 40 दिनों में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के माध्यम से एक हजार वाहनों के जरिए लगभग एक लाख से अधिक तीर्थयात्री धामों के दर्शन कर चुके हैं, जो परिवहन व्यवसाय के लिए एक अच्छा संकेत है।
उन्होंने कहा कि दो वर्ष तक कोरोना महामारी के कारण प्रभावित रही चार धामयात्रा में इस वर्ष अच्छी संख्या में पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने परिवहन व्यवसाय को संजीवनी देने का काम किया है।
इस व्यवसाय से जुड़े हजारों मोटर मालिकों मैं भी उत्साह का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि के कारण कुछ और व्यवस्थाएं जरूर नजर आई। मगर, शासन-प्रशासन के प्रयास से तथा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इन समस्याओं को हल किया गया।
अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा कि समय-समय पर सरकार ने समिति के सुझाव को स्वीकार कर चार धाम यात्रा को सुगम बनाने में बड़ा सहयोग किया। उन्होंने बजट सत्र को देहरादून में संचालित करने के लिए भी राज्य सरकार का आभार जताया। कहा कि यदि यह सत्र गैरसैण में आयोजित होता तो चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों को व्यवधान उत्पन्न हो सकता था।
संयुक्त रोटेशन के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन दोनों महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इसके साथ ही राज्य सरकार को सुझाव दिया कि पर्यटन तथा तीर्थाटन के लिए अलग-अलग नीति तैयार की जानी चाहिए, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा से न जूझना पड़े।
उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा ठीक उस समय आरंभ होती है, जब पर्यटन काल भी अपने चरम पर होता है। ऐसे में यात्रा मार्ग पर जाम की समस्या व अन्य सुविधाओं से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि चार धाम यात्रा के लिए विशेष नीति व अलग से व्यवस्था तय करें। ताकि तीर्थयात्री उत्तराखंड की अच्छी छवि को लेकर यहां से वापस जाएं।
Tags:    

Similar News

-->