देहरादून में भीड़ द्वारा एक घर में नमाज पढ़ने पर भड़के हिंदू संगठन

Update: 2024-03-23 06:12 GMT
देहरादून : इन दिनों रमजान के रोजे चल रहे हैं। इस दौरान देहरादून में भीड़ द्वारा एक घर में नमाज पढ़ने का मामला सामने आया। नगर पालिका परिषद के अंतर्गत राजीवनगर स्थित एक घर में काफी संख्या में लोगों के नमाज पढ़ने का हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने विरोध किया।
पुलिस ने अनुमति मांगी तो वह नहीं दिखा पाए। जिस पर पुलिस ने फटकार लगाई और बिना अनुमति इस तरह के आयोजन पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
कोतवाली प्रभारी के निरीक्षक विनोद गुसाईं ने बताया कि रात्रि नौ बजे सूचना मिली कि नगर के वार्ड 12 राजीव नगर स्थित एक घर में मुस्लिम समाज के 30-35 व्यक्ति नमाज पढ़ रहे हैं। मौके पर काफी संख्या में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग एकत्रित हो रखे हैं और विरोध कर रहे हैं।
इस तरह की गतिविधि बिना अनुमति न करने की हिदायत
सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर अनुमति मांगी गई। जिस पर कोई अनुमति प्रस्तुत नहीं की गई। इस पर दोबारा इस तरह की गतिविधि बिना अनुमति न करने की हिदायत दी गई।
वहीं बजरंग दल के जिला संयोजक नरेश उनियाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री संतोष राजपूत, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष गोपाल, जितेंद्र राजपूत, गणेश, विजय वर्मा आदि मौजूद रहे।
नमाज के बाद देश की खुशहाली की दुआएं मांगी
रमजान के दूसरे जुमे की नमाज हरिद्वार शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की मस्जिदों में अदा की गई। नमाज से पहले मौलानाओं ने रमजान की अहमियत को समझें और इबादत करें। ईद की नमाज से पहले जकात और फितरा देना जरूरी है। नमाज के बाद देश की खुशहाली और दुआएं मांगी गई।
जुमे की नमाज के चलते मस्जिदें नमाजियों से भरी रही। जुमे को लेकर नामाजियों मे जबरदस्त उत्साह दिखाई दिया। मौलाना इकबाल अहमद ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना साल के 12 महीनों में बहुत खास होता है। रमजान माह की अहमियत को समझते हुए इसकी कद्र करनी चाहिए। गरीब और मिस्कीमों की मदद करने से अल्लाह खुश होता है।
दौलतमंद इंसान को अपनी दौलत की ढ़ाई प्रतिशत जकात निकालकर गरीबों की मदद करनी चाहिए। कहा कि रमजान मे गुनाहों की माफी अल्लाह से मांगनी चाहिए। पैगम्बर मोहम्मद साहब के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। कलाम पाक की तिलावत करें।
मंडी की मस्जिद के पेश इमाम हाफिज कुतुबद्दीन ने कहा कि रमजान खुदा की इबादत का महीना है। इस पाक माह में अल्लाह की रहमत और बरकतें नाजिल होती हैं। मस्जिद ए कोट निफ्सी आधो वाली के पेश इमाम कारी अब्दुल लतीफ ने कहा कि रमजान माह अल्लाह का होता है, इस माह में सच्चे दिल से मांगी जाने वाली हर दुआ कबूल होती है।
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