केदारनाथ में जोरदार बर्फबारी, जारी हुआ बारिश का अलर्ट

Update: 2023-05-14 14:45 GMT
केदारनाथ (Kedarnath) में रविवार को ताजा बर्फबारी हुई। पुलिस ने मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनाएं। पुलिस ने श्रद्धालुओं से छाता, रेनकोट और जरूरी दवाएं भी साथ रखने की भी सलाह दी है। पुलिस अधीक्षक (रुद्रप्रयाग) विशाखा अशोक भडाने ने केदारनाथ से एक क्लिप जारी की। इसमें मंदिर पर बर्फ गिरती नजर आ रही है। उन्होंने इस वीडियो संदेश में श्रद्धालुओं से मौसम की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा की योजना बनाने की गुजारिश की।
गौर करने वाली बात यह कि मई के महीने में केदारनाथ और बद्रीनाथ में लगातार हिमपात दर्ज किया गया है। मई महीने में केदारनाथ और बद्रीनाथ में इस तरह बर्फबारी का होना एक असामान्य घटना है। हालांकि, यह बर्फबारी तीर्थयात्रियों के उत्साह को कम नहीं कर सकी। श्रद्धालुओं का मंदिर जाना जारी है। मालूम हो कि चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से एक महीने से भी कम समय में दोनों मंदिरों (केदारनाथ और बद्रीनाथ) में चार लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचे हैं। केदारनाथ मंदिर 25 अप्रैल को और बद्रीनाथ 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।
मौसम विभाग की मानें तो एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर एक ट्रफ के रूप में मौजूद है। यही नहीं उत्तरी राजस्थान पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। साथ ही पूर्वी यूपी पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। यही नहीं पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर बर्फबारी का पूर्वानुमान भी जताया गया है। हालांकि इसका असर मैदानी इलाकों पर नहीं देखा जा रहा है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू जैसी स्थितियां नजर आएंगी। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि उत्तर पश्चिम यूपी से पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ रेखा बन रही है। इससे पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 15 या 16 मई से बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती हैं। बारिश का यह दौर बेहत तीव्र होगा। इस दौरान गरज चमक के साथ तेज बारिश दर्ज की जाएगी। स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक, मौसम की उक्त गतिविधियां एक हफ्ते तक जारी रह सकती हैं।
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