हरिद्वार: डकैती को अंजाम देने वाला 10 हजार का इनामी 18 साल बाद एसटीएफ के हत्थे चढ़ा
मुजफ्फरनगर में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया
जनता से रिस्ता वेबडेस्क: मंगलौर (हरिद्वार) में डकैती को अंजाम देने वाला 10 हजार का इनामी 18 साल बाद एसटीएफ के हत्थे चढ़ा है। उसके पांच साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है। आरोपी शकील को एसटीएफ ने न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि वर्ष 2004 में सजर निवासी मंगलौर के घर बदमाशों ने धावा बोला था। सात बदमाशों ने परिवार को बंधक बनाकर लाखों के जेवर और नकदी लूट लिए थे। मंगलौर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। इस बीच पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसी दौरान एक बदमाश पुलिस की गोली से मारा जा चुका था
मुजफ्फरनगर में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया
जांच में पता चला था कि इस डकैती में शकील उर्फ पहलवान निवासी शाहपुर, मुजफ्फरनगर का हाथ है। वही इस डकैती का मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। पुलिस ने उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली। इस बीच पता चला कि उसने मुजफ्फरनगर में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया है। एसटीएफ ने अब उसकी तलाश शुरू की तो सोमवार सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे हरिद्वार कोर्ट में पेश किया गया, जहां से पहलवान को जेल भेज दिया गया है।
पिछलेे साल लगी थी गोली
आरोपी पहलवान के खिलाफ जानसठ (मुजफ्फरनगर) में भी एक डकैती का मुकदमा दर्ज है। उसके खिलाफ दिल्ली, पश्चिमी यूपी के कई थानों में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं। पिछले साल उसकी मुजफ्फरनगर पुलिस से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें उसके एक पैर में गोली लगी थी। साथ ही ज्यादातर घटनाओं में शामिल रहा नौशाद उर्फ छोटा 22 मार्च 2005 को मेरठ पुलिस की गोली का शिकार बन गया था। कई जिलों की पुलिस आरोपी पहलवान की तलाश कर रही थी। पहलवान के घर की वर्ष 2008 में कुुर्की भी हो चुकी है।