पानी खींचने में जा रहा आधा बिजली बिल

Update: 2023-06-24 09:20 GMT

नैनीताल न्यूज़: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है. दशकों पुरानी पेयजल लाइन हर घर तक पानी पहुंचाने में असफल साबित हो रही है. लाइन में प्रेशर नहीं होने से हर रोज घरों में मोटर का प्रयोग किया जा रहा है. सुबह और शाम लगभग चार घंटे पानी के लिए मोटर चलना लोगों की मजबूरी बनी हुई है. लोगों का कहना है कि बिजली का आधा बिल पेयजल लाइनों से पानी खींचने में जा रहा है.

हल्द्वानी में साल भर पानी की समस्या बनी रहती है. जल संस्थान 40 साल पुरानी मुख्य पेयजल लाइनों के भरोसे पानी की आपूर्ति कर रहा है. चार दशक का समय बीतने से लाइन जमीन में पांच से छह मीटर नीचे दब गई है. इसके साथ ही गलियों में पानी पहुंचाने के लिए कम व्यास की लाइनें बिछाई है. नए और पुराने शहर में इन्ही लाइनों के भरोसे पानी की आपूर्ति की जा रही है. लाइन में प्रेशर नहीं होने से हर घर तक पानी नहीं पहुंचता है. ऐसे में लोग मोटर से पानी खिंचने को मजबूर हो गए हैं. जल संस्थान ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 81603 पेयजल कनेक्शन दिए है. इनमें 75530 घरेलू और 6073 व्यवसायिक कनेक्शन हैं. एक अनुमान के अनुसार लगभग 80 उपभोक्ता हर रोज मोटर का प्रयोग कर रहे हैं. घरों में लोग एक एचपी और दो एचपी की मोटर का प्रयोग कर रहे हैं. वहीं, व्यवसायिक उपभोक्ता चार एचपी तक की मोटर का हर रोज उपयोग करते हैं.

रोजाना तीन से चार घंटे चलानी पड़ रही मोटर

सामान्य तौर पर एक परिवार दिन में चार घंटे मोटर पानी के इंतजाम के लिए चला रहे हैं. अधिकांश घरों में दो एचपी की मोटर लगाई गई है. जिसके लिए 240 यूनिट बिजली हर माह खर्च करने पर वर्तमान दरों के अनुसार लगभग 700 रुपए लागत आ रही है. एक आम परिवार का दो माह में बिजली को बिल 15 सौ से 2 हजार रुपये के बीच आता है. इस स्थिति में लोग आधा बिजली का बिल पानी के लिए दे रहे हैं.

ओवर हैड टैंक न होने से बढ़ रही समस्या

जल संस्थान के अधिकारियों के अनुसार ओवर हैड टैंक पानी के फोर्स को बढ़ाने में मदद करते हैं. विभागीय सर्वे में 14 नए टैंक की जरूरत महसूस की गई है. इनके बनने के बाद आपूर्ति ठीक होने की उम्मीद है. सालों बीतने के बाद भी इन का निर्माण नही हो पाया है. जिससे समस्या गंभीर बनी हुई है. वहीं जल संस्थान की नियमावली के अनुसार मोटर से लाइन का पानी खींचना गैरकानूनी है. ऐसा करते पाए जाने पर विभाग को जुर्माने की कार्रवाई करनी होती है. वहीं, हल्द्वानी में पानी का संकट होने से मोटर चलाना मजबूरी बना हुआ है.

मोटर से एक घंटे में खर्च होने वाली बिजली

एक एचपी की मोटर 1 यूनिट

दो एचपी की मोटर 2 यूनिट

चार एचपी की मोटर 4 यूनिट

नोट बिजली खर्च का ब्योरा उर्जा निगम के अनुसार दिया गया है.

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