नौकरशाहों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, एसीएस बर्द्धन की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की एनओसी वापस
केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी कर चुके अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को पूर्व में जारी एनओसी राज्य सरकार ने वापस ले ली है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी कर चुके अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को पूर्व में जारी एनओसी राज्य सरकार ने वापस ले ली है। केंद्र सरकार को उनकी वापसी का अनुरोध पत्र भी भेजा गया है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने इसकी पुष्टि की है।
माना जा रहा है कि राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, नौकरशाहों के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना अब आसान नहीं होगा। विशेष रूप से सरकार वरिष्ठ और अनुभवी नौकरशाहों की सेवा का लाभ लेना चाहती है।
अपर मुख्य सचिव रहे वरिष्ठ नौकरशाह आनंद बर्द्धन की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की लगभग पूरी तैयारी थी। राज्य सरकार ने उनकी प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी जारी कर दिया था। कुछेक दिनों में उन्हें केंद्र से तैनाती आदेश होने वाले हैं, लेकिन इस बीच कार्मिक विभाग ने उनकी एनओसी को वापस ले लिया। वरिष्ठ और अनुभवी नौकरशाह आनंद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पहले कार्यकाल में उनके अपर मुख्य सचिव थे।
विधानसभा चुनाव के बाद बर्द्धन के स्थान पर वरिष्ठ नौकरशाह राधा रतूड़ी को मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई। इससे पूर्व आनंद बर्द्धन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन कर चुके थे। वर्तमान में 1985 बैच के आईएएस अफसर अनूप बधावन, 2006 बैच के आशीष जोशी, 2008 बैच के श्रीधर बाबू अद्दांकी, 2009 बैच की ज्योति यादव व राघव लांगर, 2012 बैच के मंगेश घिल्डियाल और 199 बैच के अमित सिंह नेगी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
वरिष्ठ नौकरशाहों की कमी की संभावना से सरकार भी चिंतित
उत्तराखंड कैडर के करीब छह से सात वरिष्ठ नौकरशाह भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की सोच रहे हैं। इनमें से कुछ ने प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। वरिष्ठ नौकरशाहों की कमी की संभावना से सरकार भी चिंतित है। इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार राज्य के अनुभवी आईएएस अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर जाने की एनओसी देने में हिचकिचाहट दिखा सकती है।
कार्मिक विभाग के सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में उत्तराखंड का आईएएस का कॉडर 126 का है। लेकिन वर्तमान में 76 आईएएस अधिकारी ही तैनात हैं। इनमें से सात केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस लिहाज से राज्य में 69 आईएएस ही सेवाएं दे रहे हैं। जबकि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए अधिक और अनुभवी अधिकारियों की आवश्यकता है। हालांकि आने वाले दिनों में राज्य सरकार को पीसीएस अफसरों की पदोन्नति से 23 आईएएस अफसर मिल जाएंगे। लेकिन सरकार को अधिक अनुभवी और वरिष्ठ नौकरशाहों की दरकरार है। एक-दो नौकरशाहों के प्रतिनियुक्ति से लौटने से भी सरकार को कुछ राहत मिल सकती है।
आने वाले दिनों में हो सकता है प्रशासनिक बदलाव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आने वाले दिनों में एक और प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। ऐसे संकेत हैं कि इस फेरबदल में कुछ बड़ी कुर्सियां भी हिलाई जा सकती हैं। पुलिस महकमे के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की भी जिम्मेदारी बदली जा सकती है।