पूर्व डीएफओ किशन को नहीं भायी काल कोठरी

Update: 2023-01-13 14:17 GMT

हल्द्वानी न्यूज़: बमुश्किल विजिलेंस के चंगुल में आए पूर्व डीएफओ किशनचंद को किसी तरह अधिकारियों ने सलाखों के पीछे तो पहुंचा दिया, लेकिन दिल का मरीज किशन इलाज के नाम पर जेल से बाहर आ गया। उसके दिल में स्टंट डाले गए हैं। जेल प्रशासन उसे वापस सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहता है, लेकिन सूत्र कहते हैं कि किशन को अस्पताल की बिस्तर काल कोठरी के बिछौने से ज्यादा भा रहा है।

पाखरो टाइगर सफारी में घोटाला राज्य का बड़ा घोटाला है और इस मामले में विजिलेंस ने हरिद्वार निवासी किशनचंद को आरोपी बनाया है। किशन घोटाले के वक्त कालागढ़ का डीएफओ था और पाखरो टाइगर सफारी, कालागढ़ डिवीजन में है। घोटाला खुलने के बाद किशन फरार था और हाल ही में वह कई छापेमारी के बाद हल्द्वानी विजिलेंस के हत्थे चढ़ा। जिसके बाद उसे हल्द्वानी जेल भेज दिया गया। यहां कुछ दिन रहने के बाद ही किशनचंद ने दिल में तकलीफ की बात कही। जिसके बाद जेल प्रशासन ने किशन को एसटीएच में भर्ती कराया।

यहां चिकित्सकों ने दिल के ऑपरेशन की बात कही, लेकिन एसटीएच में यह ऑपरेशन संभव नहीं था। जिसके बाद किशन को 28 दिसंबर को एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया। आठ जनवरी को डॉक्टरों ने दिल का ऑपरेशन कर दो स्टंट लगाए। ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने चार दिन आराम की सलाह दी। समय सीमा बीतने के बाद जब किशनचंद को वापस जेल लाने की तैयारी की गई तो किशनचंद ने फिर से तबियत बिगड़ने की शिकायत की। इसके बाद चिकित्सकों ने उसे कुछ दिन और अस्पताल में रहने की सलाह दी। इधर, सूत्रों का कहना है कि ऑपरेशन ठीक हुआ है, लेकिन किशन जेल वापस नहीं जाना चाहता।

सूत्र ये भी कहते हैं कि किशन की पहुंच बहुत ऊपर तक है और वह इसी का फायदा उठाकर ज्यादा से ज्यादा वक्त अस्पताल के बिस्तर पर ही गुजारना चाहता है। हालांकि ज्यादा वक्त यह संभव भी नहीं है। बता दें कि किशन के ऑपरेशन का सारा खर्च जेल प्रशासन ने उठाया है। इस मामले में डिप्टी जेलर आरपी सैनी ने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से उनके उपचार और ऑपरेशन का खर्च दे दिया गया है। चिकित्सकों की सलाह पर उसे कुछ दिन और एम्स में ही रखा गया है। अगली रिपोर्ट के बाद किशन को जेल वापस लाने की कार्रवाई की जाएगी।

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