उत्तराखण्ड के कोटद्वार क्षेत्र में अचानक हाथी के सड़क पर आने से हमेशा दहशत बनी रहती है। बुधवार को भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। जब पौड़ी से कोटद्वार की ओर आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के काफिले समेत लोगों को कोटद्वार-दुगड्डा के बीच टूट गदेरे के पास अचानक हाथी ने निकलकर रोक दिया। जिससे वहां अफरा तफरी का माहौल बन गया। वहीं, हाथी को नजदीक आता देख पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने काफिले में मौजूद तमाम सदस्यों के साथ वाहन छोड़ सड़क से जंगल की ओर भागे और एक पहाड़ी पर चढ़कर हाथी से जान बचाई। बताया जा रहा है कि इस दौरान उनके एक कर्मी के पैर पर हल्की चोट भी आई। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने हवाई फायर कर किसी प्रकार हाथी को रास्ते से खदेड़ा। जिसके बाद काफिला कोटद्वार की ओर रवाना हुआ।
बता दें, बीते बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का काफिला पौड़ी से सतपुली होते हुए कोटद्वार आ रहा था। इसी दौरान शाम 5 से 6 बजे के बीच कोटद्वार-दुगड्डा के बीच टूट गदेरे के पास अचानक एक हाथी जंगल से निकलकर सड़क पर आ गया। जिससे देखकर मौके पर अफरा-तफरी मच गयी। हाथी के सड़क पर आने से पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला करीब आधा घंटा रुका रहा। ऐसे में हाईवे पर वाहनों का जमघट लग गया। वहीं, कुछ देर तक पूर्व मुख्यमंत्री अपने वाहन में ही बैठे रहे लेकिन जब हाथी उनके वाहन की ओर बढ़ने लगा तो वह और उनके साथी वाहन छोड़कर एक पहाड़ी पर चढ़ गए। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल उनके साथी पृथ्वीराज चौहान घायल हो गए। जैसे ही हाथी के हाईवे पर आने की सूचना मिली तो वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथी को एनएच से हटाने के लिए कड़ी मशक्कत करने लगी। वन विभाग की टीम ने हवाई फायरिंग कर हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला वहां से सुरक्षित रवाना हुआ,जिसके बाद वन कर्मियों ने राहत की सांस ली।