ऊर्जा निगम को भारी पड़ा बिजली कनेक्शन देरी से जारी करना, लगा करोड़ों का जुर्माना, होगी इंजीनियरों से वसूली

बिजली के कनेक्शन समय पर जारी न करना ऊर्जा निगम को भारी पड़ा।

Update: 2022-08-12 04:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली के कनेक्शन समय पर जारी न करना ऊर्जा निगम को भारी पड़ा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस देरी को लेकर ऊर्जा निगम पर 1.66 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोक दिया। ऊर्जा निगम ने सितंबर 2021 से जून 2022 तक 3127 कनेक्शन समय पर जारी नहीं किए। इस कारण निगम पर 1.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ऐसे में निगम को प्रति कनेक्शन 5310 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कनेक्शन समय पर देने को सख्त निर्देश दिए हैं। कुछ मामलों में जरूर सामान की कमी वजह रही। कई में इंजीनियरों के स्तर पर लापरवाही भी रही। भविष्य में समय पर कनेक्शन जारी हों, ये हर हाल में सुनिश्चित कराया जाएगा।
इंजीनियरों के वेतन से होगी वसूली
जुर्माने की ये रकम ऊर्जा निगम को आयोग को जमा करानी है। इस जुर्माने की रकम की वसूली ऊर्जा निगम लापरवाह इंजीनियरों से करेगा। जिस मामले में कनेक्शन में देरी इंजीनियर के स्तर पर हुई है, उसमें वसूली इंजीनियर से होगी।
देरी की वजह स्टोर में सामान की कमी
हालांकि इस मामले में कनेक्शन में देरी की एक बड़ी वजह निगम के स्टोर में सामान की कमी को भी बताया जा रहा है। बीच के कुछ वर्षों में यूपीसीएल के स्टोर में बिजली के पोल, मीटर, केबिल समेत तमाम सामान की खरीद नहीं हुई।
विद्युत नियामक आयोग का खजाना भर रहा ऊर्जा निगम
ऊर्जा निगम को जुर्माने की रकम विद्युत नियामक आयोग के खाते में जमा करानी होगी। आयोग पूर्व में भी यूपीसीएल पर 40 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगा चुका है। निगम ने कुछ पैसा जमा कराया और कुछ माफ करने के लिए अपील की गई है।
भविष्य में उपभोक्ताओं को भी मिलेगा जुर्माने में से हिस्सा
यूपीसीएल से वसूले जाने वाला जुर्माना अभी तक सिर्फ आयोग के खाते में जाता है। भविष्य में इस जुर्माने का एक हिस्सा बिजली उपभोक्ताओं को हर्जाने के रूप में मिलेगा। जिस उपभोक्ता को समय पर कनेक्शन नहीं मिलेगा, उसको हर्जाना दिया जाएगा।
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