हरिद्वार सहित उत्तराखंड के इन छह शहरों में जमीन नहीं मिलने से हेलीपैड निर्माण में देरी
जमीन नहीं मिलने के कारण उत्तराखंड में हवाई नेटवर्क का विस्तार नहीं हो पा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जमीन नहीं मिलने के कारण उत्तराखंड में हवाई नेटवर्क का विस्तार नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार राज्य को क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के तहत नए हैलीपैड बनाने के लिए सहायता देने को तैयार है, लेकिन राज्य को इसके लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। प्रदेश में राज्य सरकार के अलावा एडीबी की मदद 27 हैलीपैड निर्मित किए गए हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर आपदा की दृष्टि से आपात हैली लैंडिंग के लिए ही बनाए गए हैं।
अब केंद्र सरकार इसके अलावा प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने के लिए हैलीपैड निर्माण पर जो दे रही है। नागरिक उड्डयन विभाग ने 31 शहरों में हैलीपैड निर्माण की तैयारी कर रहा है। विभाग ने प्रथम चरण में धारचूला, मसूरी, जोशीमठ, हरिद्वार, रामनगर और नैनीताल का हैलीपैड निर्माण के लिए चुना है।
मसूरी में अधिग्रहण के आदेश :मसूरी में कई जगह हेलीपैड का विकल्प देखे जाने के बाद विभाग ने राधा भवन एस्टेट का चयन किया है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण के लिए डीएम देहरादून को आदेश दिए गए हैं। यूकाडा के मुताबिक धारचूला और रामनगर में चिन्हित जमीन पर वन विभाग की एनओसी मिलने की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है।
जोशीमठ और हरिद्वार का मामला पेचीदा बना हुआ है। जोशीमठ में चिन्हित जमीन पर अभी सेना का नियंत्रण है। हरिद्वार में बीएचईएल से जमीन नहीं मिलने के कारण रोशनबाद में जगह तलाशी जा रही है।
हरिद्वार को छोड़कर शेष सभी जगह जमीन संबधित औपचारिकता जल्द पूरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार में पूर्व में चिन्हित जमीन की जगह नई जगह तलाशी जा रही है। इस बीच हम मुस्यारी, अल्मोड़ा और चम्पावत के लिए भी नई सेवा की तैयारी कर रहे हैं।