देहरादून: मुख्यमंत्री धामी की राज्य की प्रमुख योजनाओं पर हैं पैनी नजर, हो रही उनके कार्यों की चर्चा

Update: 2022-04-23 18:13 GMT

देवभूमि न्यूज़: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राजनीति को भी खेल की तरह खेल रहे हैं। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में जो तेजी दिखाई थी, उसी को बरकरार रखते हुए एक माह में लगभग उनकी 18 प्रमुख उपलब्धियाें की चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपलब्धियों की चर्चा की जाए तो उन्होंने 23 मार्च को शपथ ली थी और दो दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण निर्णय ले चुके हैं। इन निर्णयों में समान नागरिक संहिता के लिए समिति बनाया जाना, वृद्धावस्था पेंशन में पति-पत्नी दोनों को लाभ दिलाना, 12 सौ रुपये महीने मिलने वाली पेंशन को 14 सौ करना शामिल है। इसी प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग 72 को फोर लेन बनाने के लिए 1093.01 करोड़ के बजट की स्वीकृति कराना, चार धाम सर्किट के मंदिरों की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कराना, पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क के लिए पर्वतमाला परियोजना प्रारम्भ करना जैसी व्यवस्था शामिल है।

मुख्यमंत्री ने अपनी प्राथमिकताओं में यातायात समस्या को भी रखा है, जिसमें वह विशेष प्रयत्नशील है। इसी प्रकार महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष कोष घटित करना, गरीब जनता को तीन सिलेंडर मुफ्त देना, उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 जी, 5 जी मोबाइल नेटवर्क एवं हाईस्पीड ब्राडबैंड एवं फाइबर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तरह मुख्यमंत्री किसान प्रोत्साहन निधि की शुरूआत तथा उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने के लिए उत्तराखंड आर्गेनिक्स ब्रांड बनाया जा रहा है जो प्रदेश की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में है।मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी जिस तरह ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं और उनको क्रियान्वित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है, वह इस बात का संकेत है कि वह हमेशा जनहित को सर्वोपरि मानते हैं। यही भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति है। सीमा से सटे गांवों में पलायन रोकने और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हिम प्रहरी योजना चलाई जा रही है। इसी प्रकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के लिए भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 तथा पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रुपये करना जैसे निर्णय विकास में मील का पत्थर बनेंगे।

मुख्यमंत्री की योजनाओं में शामिल है कि देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये विशेष प्रयास किए जाएं और अराजक तत्व राज्य में प्रवेश न कर पाए। इसके लिये व्यापक स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है, जो अपने आप में उत्तराखंड जैसे सीमांत राज्य के लिए विशेष महत्वपूर्ण एवं प्रभावी योजना है।

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