मंडराया खतरा, 1200 करोड़ खर्च लेकिन सड़क चौड़ी होने से बन गए ढेरों डेंजर जोन, लैंडस्लाइड के कारण रास्ता खराब

मंडराया खतरा

Update: 2022-06-02 16:29 GMT
पिथौरागढ़. 12 सौ करोड़ की भारी भरकम धनराशि खर्च करके पिथौरागढ़ से टनकपुर तक भले ही ऑलवेदर रोड बन गई हो. लेकिन डेंजर जोन का ट्रीटमेंट नहीं होने से इस रोड का फायदा लोगों को कम ही मिल रहा है. हालात ये हैं कि बरसात में इस रोड पर ट्रैफिक को रेगुलेट करने तक की नौबत आ रही है. पिथौरागढ़ से टनकपुर तक रोड को ऑलवेदर में तब्दील किए जाने के बाद सफर तो आसान हुआ ही है, साथ ही समय की बचत भी हो रही है. लेकिन 150 किलोमीटर के इस रूट पर चौड़ीकरण के दौरान एक नही बल्कि दर्जनों डेंजर जोन बन गए हैं. ये डेंजर जोन इस कदर खतरनाक हैं कि थोड़ी सी बारिश में भी ये भरभरा कर रोड को निगल जाते हैं.
बीते साल भी बारिश ने ऑलवेदर रोड की रफ्तार को एक नही बल्कि सैकड़ों बार रोका था. जिसे देखते हुए अब प्रशासन ने बरसात के सीजन में ट्रैफिक को कंट्रोल करने का प्लान बनाया है. डीएम पिथौरागढ़ आशीष चौहान का कहना है कि बरसात के सीजन में डेंजर जोन पर यात्रा करना खतरनाक हो सकता है. जिसे देखते हुए रूट के ट्रैफिक रेगुलेट करने का फैसला लिया है.
150 किलोमीटर की रोड में दर्जन भर से अधिक लैंडस्लाइड जोन चिन्हित किए गए हैं. डीएचडीसी ने लैंडस्लाइड जोन का कई बार सर्वे भी कर लिया है. लेकिन साल भर गुजरने को है, बावजूद इसके एनएचएआई ने अभी तक लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट के लिए एक ठेला नही दिया है. डेंजर जोन का ट्रीटमेंट नहीं होने से आए दिन ये इलाके दरक रहे हैं.
इन सभी बातों के बीच विपक्ष को भी बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्र लुंठी का कहना है कि ऑलवेदर रोड का मतलब होता है, हर मौसम में रोड खुली हो. लेकिन पिथौरागढ़ से टनकपुर तक की रोड बरसात तो छोड़िए हल्कि बारिश में भी बंद हो जाती है. बॉर्डर को जोड़ने वाली इस अहम रोड में दर्जन भर अधिक डेंजर जोन अभिशाप बन गए हैं. ऐसे में तय है कि करोड़ों की धनराशि से बनी रोड का पूरा लाभ लोगों को तभी मिलेगा जब इनका ट्रीटमेंट होगा.
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