CM Dhami ने 'आदि गौरव महोत्सव' कार्यक्रम में लिया हिस्सा, हर साल होगा 'जनजातीय विज्ञान महोत्सव'
Dehradun: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यहां राज्य जनजाति अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित 'आदि गौरव महोत्सव' कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान के क्षेत्र में जनजाति प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष 'जनजाति विज्ञान महोत्सव' आयोजित करने की घोषणा की, जिसके लिए उत्तराखंड जनजाति अनुसंधान संस्थान को आवश्यकतानुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इससे पहले जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर बिहार के जमुई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लिया । कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सेवक सदन में पीएम जन्म योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि और आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों को भी प्रमाण पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने उधम सिंह नगर और कोटद्वार में पीएम जन्म योजना के तहत दो छात्रावास भवनों का शिलान्या स भी किया।
देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आदि गौरव महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय समाज के लोगों से मुलाकात की और उनकी संस्कृति को जाना। देश भर से शामिल विभिन्न जनजातियों के कलाकारों ने लोकनृत्य प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का भी अवलोकन किया, और जनजातीय समाज के लोकनृत्य में भी भाग लिया।
एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने आदि गौरव महोत्सव के आयोजन के लिए राज्य जनजातीय शोध संस्थान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करेगा और साथ ही गैर जनजातीय समुदाय को जनजातीय समाज की कला और संस्कृति की विशेषताओं से अवगत कराएगा।
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने महज 24 साल 7 महीने के जीवनकाल में ऐसा काम किया, जिसे अनंत काल तक याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा मुंडा के संघर्ष और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। उनके आंदोलन ने अन्य जनजातीय समुदायों को भी संगठित किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वे एक महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जनजातीय समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाकर जनजातीय समाज को संगठित किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज हमारे देश भारत की मजबूत जड़ की तरह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि द्रोपदी मुर्मू जनजातीय समुदाय से हैं। धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने एकलव्य मॉडल स्कूल के बजट में 21 गुना वृद्धि की है और प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। इन चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाएं, आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार भी राज्य के जनजातीय और आदिवासी समुदाय को कई सुविधाएं देकर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय चलाए जा रहे हैं, जिनमें जनजाति समुदाय के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा एवं छात्रावास की सुविधा मिलती है। जनजाति समुदाय के बच्चों को प्राथमिक स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के सदस्यों की पुत्रियों की शादी के लिए 50 हजार रूपये की सहायता प्रदान की जा रही है। जनजातीय क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है।
जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव एवं खेल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जनजातीय शोध संस्थान के लिए एक करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवम्बर को प्रतिवर्ष जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है तथा राज्य सरकार भी प्रतिवर्ष राज्य में इसे धूमधाम से मना रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पहचान को जन-जन तक पूरे हर्षोल्लास के साथ पहुंचाना है तथा राज्य सरकार उत्तराखण्ड में जनजातीय समाज के विकास के लिए सदैव दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करेगी।