CM Dhami ने की सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक, अधिकारियों को दिए निर्देश
Dehradun देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक की । यह बैठक 14 वर्षों के बाद आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह बैठक हर छह माह में आयोजित की जाए। सीएम धामी ने कहा कि आगामी बैठकों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्षों को भी विशेष सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत लम्बित प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया जाये, इसके लिए न्यायालयों में नियमित पैरवी की जाये। शिकायत प्राप्त होने पर तुरन्त एफआईआर की कार्यवाही की जाये तथा पुलिस तत्परता से विवेचना करे। लम्बे समय से लम्बित प्रकरणों का मिशन मोड में निस्तारण किया जाये। पीड़ितों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता राशि मिले, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों की समस्याओं का गम्भीरता से समाधान किया जाये।
बैठक में उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसी व्यवस्था की जाये कि 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन लगाने की व्यवस्था को सरल बनाया जाये, ताकि उन्हें किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न हो। इसके लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस का भी अध्ययन किया जाये। बैठक में सीएम धामी ने निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को एक ही प्लेटफार्म पर मिले, इसके लिए एकीकृत व्यवस्था बनाई जाये। मुख्यमंत्री ने कहा, "अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए समाज कल्याण विभाग एवं गृह विभाग विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार करें।"