एक दुर्लभ प्रजाति का ऐसा मांसाहारी पौधा जो मच्छर से लेकर छोटे कीड़ों को बनाता है अपना शिकार

Update: 2022-06-27 10:28 GMT

देवभूमि न्यूज़: हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड वन संपदा का खजना है। यहां सैकड़ों प्रकार की वनस्पति पाई जाती हैं। हाल ही में यहां पर एक अत्यधिक दुर्लभ मांसाहारी पौधा मिला है। अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा नाम का ये दुर्लभ पौधा चमोली जिले की मंडल घाटी में नजर आया है।

यह पौधा मच्छरों और कई अन्य छोटे कीड़ों को खा जाता है। वन विभाग के अनुसार यह बहुत ही दुर्लभ खोज है। इस पौधे को खोजना आसान नहीं है। उत्तराखंड वन विभाग की शोध टीम के लिए ये बड़े गर्व की बात है। इस मासांहारी पौधे को स्थानीय भाषा में ब्लैडरवॉर्ट्स कहते हैं। इस पौधे की प्रजाति ना केवल उत्तराखंड बल्कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पहली बार नजर आई है। ये पौधा आमतौर पर ताजे पानी और गीली मिट्टी में पाए जाते हैं। अन्य पौधे के मुकाबले ये पौधा अपनी भोजन व्यवस्था अलग तरीके से करता है।

ये पौधा मच्छर, लार्वा, युवा टैडपोल, प्रोटोजोआ और अन्य छोटे कीड़ों तक को अपना भोजन बनाता है। इसकी शारीरिक संरचना अलग प्रकार की होती है। अपने शिकार को फंसाने के लिए ये पौधे रिवर्स वैक्यूम क्रिएट कर निगेटिव प्रैशर बनाता है। कीड़े अंदर फंसकर मर जाते हैं।


ये पौधा बहुत ही दुर्लभ होता हैं, इस पौधे की खोज सितंबर 2021 में उत्तराखंड वन विभाग के रेंज ऑफिसर हरीश नेगी और मनोज सिंह ने की थी। इससे पहले अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा नाम का ये पौधा भारत में 1986 में देखा गया था, उसके बाद यह कहीं देखा नहीं गया था। मेडिसनल फील्ड में भी इस पौधे की भारी डिमाडं है।

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