बिगड़ा मौसम, Chardham Yatra की आस्था के आगे नहीं टिक सका, बड़ी संख्या में यात्रा पर जाने की तैयारी में श्रद्धालु
बड़ी संख्या में यात्रा पर जाने की तैयारी में श्रद्धालु
Chardham Yatra 2022 : चारधाम यात्रा पर आए विभिन्न प्रांत के श्रद्धालुओं को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को सुबह से हो रही बारिश के बीच यात्री पंजीकरण और वाहनों को लेकर परेशान हैं। खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वाले श्रद्धालुओं को सोमवार की सुबह बारिश के कारण बस टर्मिनल कंपाउंड में शरण लेनी पड़ी।
करीब डेढ़ हजार श्रद्धालुओं ने बस अड्डा परिसर में शरण ली। आस्था पथ पर जाने के लिए इन श्रद्धालुओं में विपरीत मौसम की बीच चारधाम दर्शनों की बेताबी देखी जा रही है। विभिन्न प्रांत से यहां पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले एक सप्ताह से यहां रुके श्रद्धालुओं को किसी तरह से प्रशासन चारधाम यात्रा पर भेजने में सफल रहा है।
बीते तीन दिन में 10 हजार श्रद्धालु यहां से भेजे गए। हरिद्वार व अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रविवार को ऋषिकेश पहुंच गए थे। इस वजह से यहां के आश्रम, होटल, लाज और बस टर्मिनल कंपाउंड यात्रियों से भरे हैं। प्रशासन के सामने करीब ढाई हजार यात्रियों को बसें उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति की ओर से मुख्यमंत्री सहित परिवहन आयुक्त को इस संबंध में लिखा जा चुका है।
रोटेशन अध्यक्ष संजय शास्त्री ने मुख्यमंत्री से हिमाचल व अन्य स्थानों से बस मंगाने का आग्रह किया है। अभी तक यहां बाहर से बसें नहीं पहुंची हैं। चारधाम यात्रा पर गई कुछ बसों की बीती रात वापसी हुई है। संयुक्त रोटेशन के प्रभारी नवीन तिवाड़ी ने बताया कि करीब 30 बस हमारे पास उपलब्ध हैं। इनमें सिर्फ 900 यात्री ही भेजे जा सकते हैं। जबकि रोटेशन के पास ढाई हजार यात्रियों को भेजे जाने की डिमांड है।
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परिवहन निगम ऋषिकेश डिपो की ओर से नियमित रूप से यात्रा पर बसें भेजी जा रही हैं। अब तक परिवहन निगम अधिकतर सेवाएं बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए दे रहा था। बीते तीन दिन से यहां भी चारधाम के लिए बसों की डिमांड बढ़ गई है। सहायक महाप्रबंधक परिवहन निगम पीके भारती ने बताया कि सोमवार को विभिन्न धामों के लिए परिवहन निगम के पास 25 बसें उपलब्ध हैं। संयुक्त रोटेशन के जिस काउंटर में फुटकर सवारियों की बुकिंग की जाती है वहां पांच बसों की बुकिंग सोमवार सुबह तक हो चुकी है।
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यात्रा प्रशासन संगठन के समक्ष सबसे बड़ी परेशानी वाहनों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ बदलते मौसम को लेकर भी है। बड़ी संख्या में यहां पहुंचे श्रद्धालुओं को आसरा भी उपलब्ध कराना है। जितने भी श्रद्धालु मौसम साफ होने पर कंपाउंड में रह रहे थे उन सभी को धर्मशाला, आश्रम और अन्य स्थल उपलब्ध कराना होगा।
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नोडल अधिकारी व उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि सात विद्यालय चिन्हित किए गए हैं। जिनमें यात्रियों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। जरूरत पड़ेगी तो मुख्य मार्ग पर स्थित सात वेडिंग प्वाइंट को भी सूचीबद्ध किया गया है। अतिरिक्त बसें उपलब्ध कराने के लिए परिवहन आयुक्त से आग्रह किया गया है। विद्यालयों की बसों यात्रा पर भेजने के लिए परिवहन अधिकारी को कहा गया है।