हरिद्वार न्यूज़: कहते हैं, ‘होनी को कौन टाल सकता है.’ केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए यूकाडा के फाइनेंशियल कंट्रोलर अमित सैनी का दरअसल हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाने का प्लान नहीं था. वे कार से गुप्तकाशी तक जाना चाहते थे, लेकिन अचानक प्लान बदल गया. सुबह घर से निकलने से पहले पत्नी ने मौसम खराब होने की बात कहकर रोका भी था, मगर होनी को कुछ और मंजूर था.
सैनी पत्नी नीरज शर्मा, एक बेटा और बेटी के साथ देहरादून में जोगीवाला बद्रीपुर के स्वास्तिक एन्क्लेव में रह रहे थे. उनकी मौत की खबर आते ही घर पर पड़ोसियों और विभाग के लोगों का तांता लग गया. इस गमगीन माहौल में उनके ड्राइवर राजू प्रसाद भी मौजूद थे. राजू ने सुबह सैनी को घर से सहस्रधारा हेलीपैड छोड़ा था. राजू ने बताया कि हेलीकॉप्टर में बैठने से पहले ‘सर’ डरे हुए थे. उनका कहना था कि सिंगल इंजन का हेलीकॉप्टर सुरक्षित नहीं होता है. राजू ने बताया कि इस दौरान उन्होंने भी साथ चलने की इच्छा जताई थी. तब सैनी ने कहा था कि केदारनाथ के दर्शन का महत्व पैदल यात्रा में ही है. राजू ने उन्हें करीब पौने 10 बजे हेलीपैड पर छोड़ा. चार बजे सहस्रधारा हेलीपैड जाकर रिसीव करना था. राजू ने बताया कि हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाने का प्लान अचानक ही बना था. उधर, अमित सैनी की मौत के बाद घर पर कोहराम मच गया है. पड़ोसी महिलाओं ने बताया कि अमित सैनी की पत्नी नीरज ने सुबह उन्हें हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाने से रोका था. उन्होंने कहा कि मौसम खराब है, किसी और दिन चले जाना. महिलाएं कह रही थीं, काश उन्होंने पत्नी की बात मान ली होती.
मां से लिपटकर रोने लगा बेटा
सैनी का बेटा सात साल का है, बेटी अभी चार साल की बताई जा रही है. मौत के बाद जैसे ही घर पर मातम पसरा, सैनी के सात साल के बेटे को पिता की मौत का अहसास हो गया. वह मां से लिपटकर रोने लगा. अधिकारी की मां के पहुंचते ही माहौल बेहद गमगीन हो गया.
था क्रिकेट मैच
अमित सैनी रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में खेले जाने वाले एक क्रिकेट मैच में भी खेलने वाले थे. उनके विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि सैनी ने ही मैच रखवाया था, लेकिन अचानक प्लान चेंज होने के कारण वो केदारनाथ चले गए और मैच भी नहीं खेल पाए.