अल्मोड़ा,10 सितंबर 2022- जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर नगरखान में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों व उत्तराखंड क्रांति दल की एक बैठक हुई।
अल्मोड़ा:: राज्य आंदोलनकारियों का ऐलान, पहली नवरात्रि में चितई मंदिर में डालेंगे घात
बैठक में उत्तराखंड में बारी-बारी सत्ता में आई भाजपा कांग्रेस सरकारों द्वारा जनता के साथ किये गये छल, संसाधनों की लूट, राज्य सरकार व अन्य संस्थानों की नौकरियों में अपने चहेतों की नियुक्तियों तथा जिला प्रशासन द्वारा पुरानी कलैक्ट्रेट को एकाएक पांडेखोला स्थानांतरित किये जाने से आम जनता को हो रही कठिनाइयों के विरोध में 26सितंबर प्रथम नवरात्रि को न्याय यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया।
यह भी तय किया गया कि इस दिन उक्रांद कार्यकर्ता व राज्य आंदोलनकारी चितई गोलज्यू मंदिर में शासन/प्रशासन की मनमानियों के बिरूद्ध बाजों गाजों के साथ घात भी डालेंगे।
बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को राज्य सेनानी घोषित करते हुए उन्हें 17 हजार रूपये मासिक पेंशन दिये जाने, शासनादेश के अनुरूप मृतक राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को शीघ्र पेंशन दिये जाने, चिन्हीकरण से बंचित राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण शीघ्र किये जाने की भी मांग की गयी, बैठक में स्थानीय समस्याओं पर चर्चा करते हुए गिरचोला गांव में एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति बंद होने, स्थापना के 40 वर्षो बाद भी राजकीय इंटर कालेज नगरखान का भवन निर्माण न होने, सिरोंनिया डालाकोट मोटर मार्ग का अधूरा व गुणवत्ता विहीन निर्माण किये जाने पर भी चर्चा की गयी तथा निर्णय लिया गया कि इस संबंध में शीघ्र जिला प्रशासन व संबन्धित अधिकारियों से एक शिष्टमंडल मिलेगा कार्यवाही न होने पर संबंधित विभागों के विरूद्ध आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी।
बैठक में कहा गया कि, जंगली व आवारा जानवरों के प्रकोप के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि बुरी तरह प्रभावित हुई है ऐसे में सरकार द्वारा सस्ते राशन की दुकानों से आपूर्ति घटा दी है इसलिए सरकार से मांग की गई कि आम जनता को सस्ता गल्ला की दुकानों से पूर्व की भांति, गेहूं,चावल, चीनी, मिट्टी तेल आदि प्रति यूनिट के आधार पर उपलब्ध कराया जाय ।
बैठक में ब्रहमानंद डालाकोटी, महेश परिहार शिवराज बनौला, दौलत सिंह बगड़वाल, गोपाल सिंह बनौला, नवीन डालाकोटी ,देवनाथ ,सुशील उन्याल , तेज सिंह कार्की , गिरीश नाथ गोस्वामी, दिनेश जोशी, भानु जोशी, शंकर दत्त डालाकोटी, दीवान सिंह, गोपाल गैड़ा, पूरन सिंह बनौला, कैलाश राम, तारा राम, मनोज राम आदि उपस्थित थे।