उत्‍तराखंड में शराब की दुकानें नहीं खुलवा पाने पर 5 जिलों में आबकारी विभाग के अधिकारियों पर ऐक्‍शन, रुकेगी सैलरी

सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में शराब और बीयर की दुकानें न खुलवा पाने पर पांच जिलों के आबकारी अधिकारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।

Update: 2022-05-12 05:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में शराब और बीयर की दुकानें न खुलवा पाने पर पांच जिलों के आबकारी अधिकारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। इनसे तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। बुधवार को आबकारी सचिव एचसी सेमवाल ने यह आदेश दिए।

उत्तराखंड में देसी-विदेशी की शराब की 622 दुकानें हैं, पर जारी वित्त वर्ष में इनमें से 602 दुकानों का ही आवंटन हो पाया। बीस दुकानों की नीलामी के लिए जिला आबकारी अधिकारियों ने गंभीरता से प्रयास नहीं किए। गत दो मई को सेमवाल ने शराब की शेष दुकानों की लाटरी निकालने के लिए संबंधित जिलों को आबकारी अफसरों के साथ बैठक की थी। इस दौरान इन अफसरों से इस संबंध में प्रस्ताव मांगें थे, लेकिन किसी अफसर ने सचिव के निर्देश को तवज्जो नहीं दी। इस पर ऐसे 5 जिला आबकारी अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान, यूएसनगर के हरीश कुमार, नैनीताल की रेखा जुयाल भट्ट, अल्मोड़ा के संजय कुमार और पिथौरागढ़ के गोविंद मेहता शामिल हैं।
ये दुकानें नहीं उठीं
यूएसनगर की जमौर, सितारगंज, कंजाबाग चौराहा, पतरामपुर ठाकुरपुर चुंगी, प्रतापपुर, हरियावाला, नादेही, गदरपुर व चक्की मोड़, अल्मोड़ा की भिकियासैंण, मैलेखाल, देघाट, स्याल्दे, सराईखेत, डोटियाल व मासी, पिथौरोगड़ की नंबर तीन, देहरादून की रानीपोखरी और नैनीताल की बीयर की दुकान।
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