कपकोट के एक युवक ने अग्निवीर में चयन न होने पर की आत्महत्या

Update: 2022-11-01 13:49 GMT

कपकोट न्यूज़: अग्निवीर में चयन न होने से क्षुब्ध कपकोट के एक युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। जानकारी के अनुसार कपकोट थाना अंतर्गत फरसाली मल्ला देश निवासी 21 वर्षीय कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गिरी गोस्वामी लंबे समय से सेना की तैयारी कर रहा था। विगत माह सरकार द्वारा अग्निवीर के पद निकलने पर उसने अग्निवीर की तैयारी की थी। सोमवार को अग्निवीर का रिजल्ट आने पर उसे सफलता नहीं मिली तो वह काफी क्षुब्ध हो गया। इसके बाद सल्फाश खाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने उसे कपकोट चिकित्सालय पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।

आत्महत्या से पहले स्टेटस लगाकर जताई पीड़ा: अपनी योग्यता के बल पर अग्निवीर बनने के सपने संजोये कमलेश ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया में स्टेटस डाले जिसे देखने के बाद ही परिजन समझे कि कमलेश तनाव में है और आत्मघाती कदम उठा सकता है। इसके बाद उसकी तलाश की तो वह घर के समीप ही तड़पता हुआ मिला। काफी भावुक करने वाले अलग-अलग स्टेटसों में कमलेश ने कहा है कि उसके पास एनसीसी का सी सर्टिफिकेट होने व अन्य परीक्षाओं में पूर्ण अंक होने के बाद भी असफल घोषित किया है। जो कि सिस्टम की लापरवाही है। अग्निवीर बनने की चाहत का सपना पाले कमलेश के जीवन में किससे व कहां पर चूक हुई कि उसे अग्निवीर का परिणाम घोषित होते ही अपनी जीवन लीला समाप्त करने की आवश्यकता पड़ी। कमलेश इतना क्षुब्ध क्यों हुआ कि अग्निवीर में चयन न होने की जानकारी मिलते ही आत्मघाती कदम उठा लिया। कमलेश की आत्महत्या अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है।

कमलेश के परिवार की माली हालत सही नहीं है। उसके माता-पिता गांव में ही रहकर मेहनत मजदूरी करते हैं। जबकि बड़े भाई ने तीन दिन पूर्व ही जीविकोपार्जन के लिए दुकान खोली थी। छोटा भाई मुंबई में होटल में मजदूरी करता है। परिजनों के अनुसार कमलेश को बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी। इसके लिए वह नियमित रूप से तैयारी करता था। सरकार द्वारा अग्निवीर के पदों पर नियुक्ति निकालने के बाद से वह काफी उत्साहित था। उसकी इच्छा थी कि चार साल की सेवा में वह देश सेवा करने के साथ ही परिवार की आर्थिकी भी सही कर लेगा। इसके बाद अपने माता-पिता की सेवा करेगा लेकिन नियति को यह मंजूर नहीं था।

उसे इस दौर से गुजरना पड़ा कि उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त करने की ठान ली तथा अपने परिवार समेत संगी-साथियों को रोता-बिलखता छोड़ गया। कमलेश की मौत के बाद जो सवाल प्रमुख रूप से उठ रहे हैं उनमें यह कहा जा रहा है कि कमलेश ने अग्निवीर भर्ती परीक्षा में शारीरिक परीक्षा, स्वास्थ्य परीक्षण परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। एनसीसी का सी प्रमाण पत्र धारक होने के कारण उसने लिखित परीक्षा नहीं दी थी। क्योंकि नियम है कि सी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थी की लिखित परीक्षा नहीं होती है। कमलेश ने सेना में भर्ती होने की चाहत में स्कूल में एनसीसी का सी सर्टिफिकेट प्राप्त किया था। इतनी योग्यता होने के बाद भी कमलेश का चयन अग्निवीर में क्यों नहीं हुआ तथा उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा। इन सवालों का जवाब शायद मिलना संभव न हो।

राज्य स्तरीय धावक था कमलेश: अग्निवीर न बन पाने से क्षुब्ध कमलेश को बचपन से सेना में जाने का चाहत थी। उसका खेल के प्रति काफी रूझान था। वह इंटर कॉलेज फरसाली से कुशल धावक था तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन कर चुका था।

अग्निवीर व सेना में भर्ती अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा देना अनिवार्य नहीं है। इस मामले में यह जानकारी आवश्यक है कि लिखित में सी प्रमाण पत्र वाले कितने अभ्यर्थी शामिल रहे। हो सकता है कि पद के सापेक्ष इनकी संख्या अधिक हो या कोई अन्य कारण हो सकता है। यह अलग मामला है। भर्ती प्रक्रिया के नियमों का अवलोकन करना होगा।

– कर्नल वीके उप्रेती, एनसीसी अधिकारी

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