PWD के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का बड़ा उदाहरण, रसूलपुर टोंग्या गांव में उखड़ने लगी चार दिन पहले बनी सड़क

रसूलपुर टोंग्या गांव में उखड़ने लगी चार दिन पहले बनी सड़क

Update: 2022-05-17 12:05 GMT
हरिद्वार: प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की हालत सुधारने के लिए लगातार बजट पास करती है लेकिन धरातल पर जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदारों उस बजट को मिलकर डकार रहे हैं. ऐसा ही एक मामला श्यामपुर थाना क्षेत्र के दूरस्थ रसूलपुर टोंग्या गांव (Haridwar Rasulpur Tongya Village) से सामने आया है. आरोप है कि गांव में 4 दिन पहले बनाई गई सीमेंट टाइल्स की सड़क अभी से टूटने लगी है. लोगों ने सोशल मीडिया पर विभागीय लापरवाही की पोल पर खोल कर रख दी है.
बता दें, श्यामपुर क्षेत्र के दूरस्थ गांव रसूलपुर टोंग्या में 4 दिन पहले ही क्षेत्र को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई गई थी. आरोप है कि इसमें उपयोग की गई सामग्री बेहद घटिया किस्म की है. अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर सड़क निर्माण में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया है. सड़क निर्माण में बजरी और सीमेंट की गुणवत्ता का सही अनुपात (ratio) नहीं रखा गया है. यही कारण है कि निर्माण के चार दिन के भीतर ही सड़क के टूटने लगी है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क के किनारों पर जरा सा दबाव देने पर टाइल्स जमीन में धंस रही है, जिससे साफ हो जाता है कि सड़क बनाने में मानकों को ताक पर रखा गया है. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदार की मिलीभगत की पोल क्षेत्र के लोगों ने सोशल मीडिया उजागर कर दी है, जिससे विभाग और सरकार दोनों की ही किरकिरी हो रही है.
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