मेरठ: हाजी याकूब के मीट प्लांट से जब्त किए गए मीट के नमूनों की जांच बुधवार को जिला जज की अदालत में सौंप दी गई है। िजसमें 53 सैंपल सही पाए गए जिनको रिलीज करने के आदेश अदालत ने दिए है जबकि 7 सैंपल असुरक्षित पाए गए जिन्हें नष्ट करने का आदेश अदालत ने किया है। वही 38 सैंपल के विषय में एक्सपर्ट की राय के लिए और न्यायालय को भेज दिया गया है
डा. संदीप पहल ने एडवोकेट मनमोहन त्यागी के माध्यम से बुधवार को आवेदन दिया कि कथित मांस को जारी नहीं किया जाना चाहिए और इसलिए, मांस छोड़ना मानव के लिए खतरनाक होगा। अपने ठिकाने का समर्थन करने के लिए त्यागी ने शिव नंदन पासवान बनाम पर भरोसा किया। बिहार राज्य और अन्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन वापस लेने के मामले में, कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक प्रशासन की स्वच्छता और सार्वजनिक नैतिकता में रुचि रखता है, वह शिकायत दर्ज करने का हकदार होगा।
और समान रूप से वह इस तरह के अभियोजन को वापस लेने का विरोध करने का हकदार होगा यदि यह पहले से ही स्थापित है। हालांकि, वर्तमान मामले में डा. संदीप पहल की ओर से शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है और दूसरी बात यह कि अभियोजन पक्ष मुकदमा वापस नहीं ले रहा है। विवाद एमडीए द्वारा कारखाने को बंद करने का आदेश दिए जाने की अवधि के दौरान आवेदक द्वारा संसाधित मांस की रिहाई के संबंध में है।
इस मामले में मांस को छोड़ना और न छोड़ना वित्तीय प्रभाव डालता है और यदि आवेदक हस्तक्षेप करना चाहता है, तो उसे एक क्षतिपूर्ति बांड दाखिल करना चाहिए कि यदि आवेदक को कोई नुकसान होता है, तो वह उसकी क्षतिपूर्ति करेगा और इन सभी शर्तों को पूरा किया जा सकता है। कोर्ट ने हस्तक्षेप की अनुमति दी। वह कल तक ऐसा कर सकते हैं। आवेदन पर सुनवाई के लिये 23 फरवरी तय की गई है।
31 मार्च 2022 खरखौदा स्थित अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के अंदर से पांच करोड़ कीमत का मीट बरामद करने के बाद सील कर दिया था। मंगलवार को राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला से 98 नमूनों की जांच रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है। बुधवार को रिपोर्ट कोर्ट में पुलिस और आरोपी पक्ष के सामने खोली गई। जांच रिपोर्ट के बाद ही मीट को बेचा या नष्ट किया जाएगा।
हालांकि जिला जज रजत सिंह जैन की अदालत ने हाजी याकूब की फैक्ट्री अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड से जब्त किए पांच करोड़ के मीट को सशर्त रिलीज करने के आदेश कर चुके हैं।आदेश के अनुसार पूर्व में जिला जज ने मीट का पुन: परीक्षण करने के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट 13 फरवरी तक अदालत में पेशी की जानी थी।
अदालत में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला से मीट की रिपोर्ट 21 फरवरी तक दी जाएगी। पुलिस ने निर्णय का समय बढ़ाने के लिए अदालत से निवेदन किया। अदालत में दिए गए साक्ष्यों के मुताबिक, सात मार्च 2023 को उक्त मीट एक्सपायर हो जाएगा, जिसके बाद न्यायालय के आदेश का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।