असमोली क्षेत्र के चीनी मिल के पास स्थित निजी अस्पताल में प्रसव के बाद इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने महिला को रेफर कर दिया। परिजनों के इलाज के लिए ले जाते समय महिला ने रास्ते में तोड़ दिया। महिला की मौत से गुस्साए परिजन शव लेकर फिर से अस्पताल पहुंच गए वहां हंगामा किया और अस्पताल में तोड़फोड़ भी की।
सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस ने महिला के परिजनों को शांत किया। महिला के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही पुलिस को महिला के परिजनों ने चिकित्सक से फैसला होने की बात लिखकर दे दी।
गुरुवार को मदला गांव निवासी आसिफ की पत्नी 22 वर्षीय यासमीन को 11 अक्टूबर को प्रसव की पीड़ा हुई। जिसे लेकर आसिफ का भाई मुशाहिद और ससुर तसलीम ने 11 अक्टूबर को असमोली चीनी मिल के पास संचालित निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया था। जहां चिकित्सक ने यासमीन ने ऑपरेशन से बच्चे को जन्म दिया।
ऑपरेशन के बाद जच्चा बच्चा दोनों ही सही सलामत थे। लेकिन 12 अक्टूबर को यासमीन की हालात बिगड़ने लगी। इलाज कर रहे डॉ. सुभाष पाल ने महिला को खून की जरूरत बताते हुए खून चढ़ाना शुरू किया। जिससे महिला की हालत और बिगड़ने लगी। महिला की हालत बिगड़ती देख चिकित्सक ने महिला के परिजनों को हायर सेंटर ले जाने के लिए कहते हुए रेफर कर दिया।
परिजन महिला को संभल के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने महिला की हालत देखकर मुरादाबाद के लिए रेफर कर दिया। मुरादाबाद ले जाते वक्त महिला ने 13 अक्टूबर की सुबह रास्ते में दम तोड़ दिया। परिजन महिला का शव लेकर निजी अस्पताल पहुंचे और हंगामा किया।
परिजनों के तोड़ फोड़ की सूचना मिलते ही मौके पर असमोली थाना प्रभारी विद्युत गोयल पहुंच गए और हंगामा कर रहे मृत महिला के परिजनों को समझाकर शांत किया। हालांकि बाद में महिला के परिजनों ने पुलिस को किसी भी तरह कोई भी कार्रवाई करने से इंकार कर दिया और महिला के परिजनों पुलिस को चिकित्सक से फैसले की बात लिखकर दी है।