Faizabad: राम मंदिर के निर्माणाधीन परकोटे में लगेंगे 37 नक्काशीदार दरवाजे

परकोटे के सभी 37 दरवाजों के लिए 11 सौ घन फुट लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा

Update: 2024-12-14 05:53 GMT

फैजाबाद: राम मंदिर के चतुर्दिक करीब आठ सौ मीटर आयताकार परकोटे में प्रवेश द्वार व छह मंदिरों समेत 37 दरवाजे लगाए जाएंगे. यह सभी दरवाजे महाराष्ट्र के वल्लार शाह के सागौन (टिक वुड) की लकड़ी के ही होंगे. इसके पहले राम मंदिर के भूतल, प्रथम तल व द्वितीय तल के सभी दरवाजे महाराष्ट्र के सागौन की लकड़ी के ही थे. यद्यपि कि राम मंदिर के कुल 46 दरवाजों के लिए जहां 22 सौ घन फुट लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. वहीं परकोटे के सभी 37 दरवाजों के लिए 11 सौ घन फुट लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है.

इसकी मुख्य वजह राम मंदिर के सापेक्ष परकोटे के दरवाजों की लंबाई -चौड़ाई व मोटाई में अंतर है जिसके चलते कम खर्च आ रहा है. इन सभी दरवाजों का निर्माण की जिम्मेदारी एल एण्डटी ने मेसर्स अनुराधा टिम्बर हैदराबाद तेलंगाना को सौंपी है. मेसर्स अनुराधा के निदेशक सीएच शरद बाबू का कहना है कि इन दरवाजों के निर्माण के लिए कारीगरों को कन्याकुमारी से बुलाया गया है.

उन्होंने बताया कि राम मंदिर के सभी 46 दरवाजों के निर्माण का काम अंतिम दौर में है. उन्होंने बताया कि यह काम पूरा होने के बाद परकोटा के दरवाजों का काम कराया जाएगा. बताया गया कि दरवाजों को नक्काशी दार व विविध प्रकार के अलंकरणों से सुसज्जित करने में समय लगता है.

प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित पुजारियों को दी गई 21-21 हजार की राशिराम मंदिर में प्रशिक्षित पुजारियों की नियुक्ति को लेकर श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से संचालित षट् मासिक प्रशिक्षण अवधि में प्रशिक्षण लेने वाले सभी 20 पुजारियों को तीर्थ क्षेत्र की ओर से 21-21 हजार की धनराशि प्रदान की गयी है. इसके पहले प्रशिक्षण के चयनित अभ्यर्थियों को दो-दो हजार मासिक मानदेय प्रदान करने का ऐलान किया गया था.

इस दौरान भोजन व आवास की व्यवस्था तीर्थ क्षेत्र की ओर से कराई गयी थी. दरअसल तीर्थ क्षेत्र की प्रशिक्षण योजना आवासीय थी जिसके कारण उन्हें बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं दी गई थी.

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