Electricity Rates: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों में बिजली दर पर सुनवाई के बाद अब 24 जुलाई को ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की बैठक बुलाई है। नियामक आयोग सभागार में होने वाली इस बैठक में बिजली दरों पर सदस्यों की राय ली जाएगी। राज्य के Consumers उपभोक्ताओं की तरफ से उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश वर्मा बिजली दरों की बढ़ोत्तरी के खिलाफ अपनी बात रखेंगे।
अवधेश वर्मा ने बताया है कि उन्होंने खुद सभी बिजली कंपनियों की सुनवाई में हिस्सा लिया था। हर जगह उपभोक्ताओं ने Electricity Tariffs बिजली दरों का विरोध किया और अव्यवस्थाओं पर प्रबंधन की नाकामियों को आयोग के सामने रखा। उन्होंने बताया है कि पश्चिमांचल में हुई सुनवाई के दौरान छह माह के अंदर आठ लाख लाइफ लाइन (बीपीएल) उपभोक्ताओं का विद्युत भार बिना नोटिस दिए बढ़ाने का खुलासा हुआ। इन आठ लाख गरीब उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली से वंचित करने का काम किया गया है, इस मुद्दे को वह सलाहकार समिति की बैठक में उठाएंगे। बिजली कंपनियों में लैटरल एंट्री के तहत केवल साक्षात्कार के आधार पर लेखा विंग में बैंड-4 में मुख्य अभियंता तक ढाई से तीन लाख रुपये मासिक वेतन में सीधी भर्ती किए जाने का बड़ा मुद्दा भी उठा है।
उन्होंने कहा है कि बिजली दरों में कोई भी बढ़ोत्तरी स्वीकार नहीं की जाएगी। State प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है उसके एवज में बिजली दरों में कमी करने की लड़ाई लड़ी जाएगी। बिजली कंपनियां 11203 करोड़ के घाटे के एवज में विद्युत नियामक आयोग से अपने स्तर से कार्यवाही करने की बात लगातार कर रही हैं। जो यह बता रहा है कि कंपनियां चोर दरवाजे से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कराने की कोशिश में लगी है।