Kushinagarराजापाकड़/ कुशीनगर: शुकदेव प्रसाद त्रिपाठी स्नातकोत्तर महाविद्यालय भठहीं खुर्द कुशीनगर में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के छठवें दिन प्रवचन करते हुए कथा व्यास त्रियुगीनारायण मणि त्रिपाठी ने कहा कि भरत जी राम कथा के महत्वपूर्ण पात्र हैं भरत के चरित्र में जो त्याग संयम धैर्य और ईश्वरीय प्रेम मिलता है वह अन्यत्र मिलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि राम की भक्ति के लिए भरत का चरित्र सुनना आवश्यक है। वर्तमान में भरत के चरित्र की बहुत प्रासंगिकता है।आज के युग में स्वार्थ के वसीभूत होकर भाई,भाई का दुश्मन बना हुआ है, वही भरत चरित्र में त्याग है इसलिए हमें भरत के चरित्र से सीख लेनी चाहिए।यह चरित्र भाई के प्रति प्रेम की शिक्षा देता है।
इस अवसर पर ब्रह्मऋषि पंडित भोला प्रसाद त्रिपाठी, पंडित सुभाष प्रसाद त्रिपाठी, डॉ निर्मला त्रिपाठी , विश्वामित्र त्रिपाठी, रमेश त्रिपाठी, अवधेश त्रिपाठी, ब्रजेश त्रिपाठी, अमरेश त्रिपाठी, गिरिजेश त्रिपाठी, उद्भव त्रिपाठी, शीला त्रिपाठी, श्वेता त्रिपाठी, डॉ शैलेन्द्र कुमार मिश्र, डॉ नीरज पाण्डेय , राजकिशोर पाण्डेय, उमेश तिवारी, प्रदीप दूबे, सच्चिदानन्द राय, छोटेलाल, ब्रजेश मिश्रा अंजन मिश्र, अनूप शुक्ल, सर्वेश दुबे, प्रिन्स दूबे, सत्यांक तिवारी, डॉ दिलीप तिवारी, आनन्द मिश्र आलोक चौबे, गौरीशंकर लाल, रामेश्वर प्रसाद , अंजुम आरा, रामेश्वर प्रसाद, अमित त्रिपाठी सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।