सहारनपुर/नागल: अगर देश में खेती किसानी को जिंदा रखना है तो हमें हिन्दू-मुसलमान के राग को छोड़कर एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पडेगा।
उक्त विचार राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने गांगनौली स्थित बजाज हिन्दुस्तान चीनी मिल के गेट पर बकाया गन्ना भुगतान को लेकर चल रहे धरने पर व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि उनके संगठन द्वारा पिछली 2 जनवरी से बकाया गन्ना भुगतान को लेकर क्रमिक धरना दिया जा रहा है, किंतु यहां के प्रशासन ने गत दिवस गिरफ्तारी का खेल खेलकर बकाया गन्ना भुगतान विलंब कराने में मिल मालिकों का सहयोग किया, जबकि उनके साथ वायदा किया गया था कि सभी भुगतान 9 फरवरी से पहले कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि कानून का राज सबसे बड़ा है कानून का खौफ खाकर ही आज मिल प्रबंधन ने गत वर्ष का बकाया भुगतान गन्ना समिति में भेज दिया है, जो किसानों की सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का ही डर है कि अब चीनी मिल गन्ना भुगतान में सुधार कर रही है ,वरना वर्ष 1995-96 से पहले कई कई सालों का गन्ना भुगतान बकाया रहता था और कुछ चीनी मिल तो किसानों का भुगतान तक मार लेती थी लेकिन जब से उनका संगठन किसानों की हितों की लड़ाई के लिए खड़ा हुआ है और कानून का सहारा लिया तब से गन्ना भुगतान में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में और बेहतर हो जायेगा। आज किसानों की हालत बदतर है। बड़े शर्म की बात है कि आदमी अपनी बेटी की शादी एक किसान के बेटे की बजाय एक चपरासी से करना बेहतर समझता है। गली-गली में किसान संगठन खड़े हो गये हैं वो लोग भी किसानों के नेता बन गये हैं जिनको खेती नहीं आती है।
श्री सिंह ने कहा कि उनका संगठन विशुद्ध किसानों की लड़ाई कानून का सहारा लेकर लडता है। उन पर सरकार ने अनेक फर्जी मुकदमे लगा दिए हैं लेकिन वें डरने वाले नहीं है, क्योंकि उन्होंने कोई गलत पैसा खाकर अपनी संपत्ति नहीं बनाईं है।
इस दौरान सुखबीर सिंह, सतीश मुखिया, मुन्नू त्यागी, सोमेंद्र प्रधान, सोनू मुखिया, बृजेश कुमार, नवीन त्यागी, मुकेश, सुभाष, प्रताप ढिल्लो, विशु, सचिन गुप्ता, नवाब प्रधान, संजय त्यागी, अंकित शर्मा, अमित प्रधान आदि मौजूद रहे।