आगरा में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 7 मीटर ऊपर पहुंचा, 450 जिंदगियां बाढ़ में फंसी
आगरा में बाढ़ के हालातों ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आगरा में बाढ़ के हालातों ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। चंबल नदी के जलस्तर ने 26 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। गुरुवार को चंबल का जलस्तर 137 मीटर पर पहुंच गया। बाह, पिनाहट और जैतपुर के गांवों में तबाही का मंजर है। 21 गांव डूब गए हैं। ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। तीन गांवों में 450 लोग अभी फंसे हुए हैं। चंबल की बाढ़ में आठ हजार हेक्टयेर फसल डूब गई है। लोग ऊंचे टीलों पर शरण लिए हुए हैं। वहां उनको खाने-पीने का संकट है।
बाह के उपजिलाधिकारी रतन वर्म ने बताया कि चंबल की बाढ़ से धौलपुर का जलस्तर शाम चार बजे तक 146.50 मीटर पर था। यहां से नदी में 26.93 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। पिनाहट पर शाम पांच बजे जलस्तर 137 मीटर तक पहुंच गया। जो कि खतरे के निशान से सात मीटर ऊपर है। उन्होंने बताया कि तीनों ब्लाकों में आठ बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं। उन्होंने बताया कि अभी और जलस्तर बढ़ने की आशंका है। यूपी में भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
एसडीएम ने बताया कि पांच अगस्त 2021 को जलस्तर 135.70 मीटर, 17 सितंबर-2019 को 136.10 मीटर और 24 अगस्त-1996 को 136.60 मीटर जलस्तर पहुंचा था। इस समय नदी में 24 लाख क्यूसेक पानी चल रहा था। इस साल नदी ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
एसडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को बुला लिया गया है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि एसडीआरएफ की एक प्लाटून को पिनाहट में तैनात करा दिया गया है। इसके अलावा जल पुलिस की भी एक बटालियन को तैनात किया गया है।