साल भर से सूखी पड़ी है विसुही नदी, तलहटी में दरारें

जिस नदी की तलहटी में पानी होना चाहिए था वहां करीब एक साल से दरारें दिखाई दे रही हैं

Update: 2024-04-15 05:18 GMT

फैजाबाद: जल संचयन के लिये मनरेगा योजना के अंतर्गत विसुही नदी के गहरीकरण पर लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद माह से सूखी पड़ी है. जिस नदी की तलहटी में पानी होना चाहिए था वहां करीब एक साल से दरारें दिखाई दे रही हैं. गर्मी के दिनों में जंगली जानवरों, पशु पक्षियों को पानी के लिए संकट का सामना करना पड़ता है. तत्कालीन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार के देखरेख में इस नदी को गहरा कराया गया था.

क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिरसा नियाजपुर, पेडर,भदारखुर्द, सहसी पुर,बेलगरा, केवलापुर, जाना,पछियाना, कोरो राघवपुर,रामपुर अहिरौली, थरिया कला, रौहारी आदि से जाने वाली विसुही नदी के गहरीकरण का कार्य कराया गया.

हजारों मनरेगा मजदूरों को स्वरोजगार उस समय भी मिला, जब देश में कोरोना के चलते मजदूर गांव की तरफ पलायन कर गये थे. इससे उनके परिजनों का जीविकोपार्जन हुआ. नदी के गहरीकरण एवं वृक्षमाला पर लाखों रुपये खर्च हुए थे.

नदी में जलसंचय के लिये सभी ग्राम पंचायत में रेन डेम्प बनाया गया. परन्तु मौजूदा समय में सूखी पड़ी नदी जल संरक्षण की हकीकत को बयां कर रही है.

पानी के संकट को देखते हुए क्षेत्र के शेर बहादुर शेर, राम जन्म यादव, सन्तोष, राकेश वर्मा, राम चरन, प्रदीप यादव आदि का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में जंगली जानवरों एवं पशु पक्षी बेहाल दिखाई देंगे. वे पानी पीने के लिये आबादी की तरफ रुख कर सकते हैं.

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