हस्तिनापुर: गंगा नदी एक बार फिर से उफान पर है। मानसून की बेरुखी जलस्तर में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग सहमे हुए हैं। तटबंध धराशायी होने के कारण लगातार फसलों को बर्बाद कर रहा है। शनिवार को बिजनौर बैराज और हरिद्वार से गंगा जलस्तर में थोड़ी की कमी के बाद भी गंगा खतरे के निशान के पास बह रही है। बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 46 हजार क्यूसेक रह गया है।
पहाड़ी व मैदानी इलाकों में अभी बारिश थमी नहीं है। लगातार बारिश होने से बिजनौर बैराज और हरिद्वार से गंगा में चल रहे डिस्चार्ज में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी है। पांचवें दिन भी बिजनौर बैराज और हरिद्वार से गंगा नदी में चल रहे डिस्चार्ज में वृद्धि हुई है। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई पीयूष कुमार के अनुसार शनिवार को हरिद्वार बैराज से गंगा डिस्चार्ज में वृद्धि के चलते डिस्चार्ज बढ़कर 1 लाख 56 हजार क्यूसेक और बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 46 हजार क्यूसेक रह गया।
जिससे जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अभी सचेत रहने की जरूरत है। अगर पहाड़ी इलाकों में बारिश बंद नहीं हुई तो जलस्तर तेजी से बढ़ेगा। ग्रामीण जलस्तर को लेकर सचेत हैं। ग्रामीणों ने जरूरत का सामान ही बाहर रखा है। बाकी सामान पैक कर दिया है, ताकि अगर बाढ़ की स्थिति हो तो वे सामान समेत निकल सकें।
उधर, परीक्षितगढ़ क्षेत्र में एसडीएम अखिलेश यादव ने बाढ़ के चलते खादर क्षेत्र के गांव मीरपुर, एदलपुर में गंगा द्वारा कटान करने का निरीक्षण कर कहा कि शासन प्रशासन को गंगा द्वारा कटान किए जाने की रिपोर्ट तथा एलदपुर मीरपुर में बांध बनाए जाने का प्रस्ताव भी भेजा जाएगा। गंगा के कटान होने से किसानों की सैकड़ों बीघा धान, गन्ने आदि की फसल नष्ट हो गई है। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख ब्रह्मसिंह गुर्जर, प्रधान संजीव धामा, प्रधान विरेंद्र, प्रधान महीपाल, मनोज शर्मा, शलेंद्र, नरेंद्र यादव, राम कृष्ण यादव आदि रहे।
प्रशासन का अलर्ट जारी
गंगा के जलस्तर हो रहे उतार-चढ़ाव से किसी तरह का हादसा न हो, इसको ध्यान में रखते हुए गंगा से सटे खादर के करीब 20 गांवों में गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इनमें अलर्ट किया जा रहा है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मुस्तैदी के लिए निगाह बनाए हुए हैं।