ग्रामीणों ने फिर दी आन्दोलन की चेतावनी, पुल पर संकट और बढ़ा

Update: 2022-12-15 11:09 GMT

मेरठ: लोक निर्माण विभाग तीन दरा पुल की पैमाइश कराकर फिर सो गया है। पुल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लगता है कि पीडब्ल्यूडी को शायद किसी हादसे का ही इंतजार है। इससे क्षुब्ध ग्रामीणों ने फिर से आन्दोलन की चेतावनी दी है। पुल की मरम्मत की मांग कर रहे समाजसेवी साजिद खान के नेतृत्व में ग्रामीण आन्दोलन की रुप रेखा तैयार करने में जुटे हुए हैं।

ग्राम सठला के तीन दरा पुल की जर्जर हो चुकी स्थिति को दैनिक जनवाणी ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने पुल की मरम्मत के लिए इसकी पैमाइश करवाई थी। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि पैमाइश होने के बाद पुल के दिन बहुरेंगे और इसकी मरम्मत होगी। पीडब्ल्यूडी ने पुल की पैमाइश तो करा दी, लेकिन उसके बाद वो सो गया। इससे ग्रामीणों में रोष है।

गौरतलब है कि इस समय गन्ने का सीजन चल रहा है और इस पुल पर से भी गन्ने से लदे भारी वाहनों का आवागमन होता है। पहले से ही बेहद जर्जर इस पुल पर हादसे की आशंका बनी हुई है। स्थिति यह है कि पुल दरक रहा है। इस पर कभी भी हादसे या किसी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इन सबके बावजूद विभागीय अफसर सो रहे हैं। उन्हें शायद किसी हादसे का इंतजार है।

समाजसेवी साजिद खान ने एक बार फिर ग्रामीणों को साथ लेकर पुल की मरम्मत के लिए विभागीय अधिकारियों के खिलाफ आन्दोलन की तैयारी कर ली है। उन्होंने बुधवार को चेतावनी दी कि यदि तीन दरा पुल पर विभाग शीघ्र ही कार्रवाई नहीं करता तो बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र होकर विभागीय अधिकारियों की कामचोरी के खिलाफ आन्दोलन का बिगुल फंूक देंगे।

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